अब घर बनाना हुआ मुश्किल, आसमान पर पहुंचे मौरंग और बालू के दाम

मौरंग बीस हजार और बालू दस हजार रुपए प्रति ट्रक महंगा
खदान बंद होने से कीमतों में इजाफा
बरसात को देखते हुए कारोबारियों ने शुरू किया स्टॉक करना

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। अगर आप घर बनाने की सोच रहे है तो सतर्क हो जाएं क्योंकि अब घर बनवाना काफी महंगा हो गया है। कोरोना काल में मौरंग और बालू की कीमतें आसमान छू रही हैं। खदान बंद होने से बालू और मौरंग की कीमतों में तेजी से इजाफा शुरू हो गया है। खदान बंद होने से जून माह के अंत तक जो मौरंग प्रति घन फिट 70 रुपये में मिल रही थी। अब उसकी कीमतें 85 से 90 रुपये घन फिट पहुंच गई हैं।
यही हाल बालू का है। बीस रुपए में मिलने वाली बालू अब 30 रुपये घन फिट के रेट तक पहुंच गई है। घर बनाने वाले मिस्त्रियों का कहना है कि कोरोना काल में मौरंग और बालू के दाम बढ़े है। दाम बढऩे से एक ईंट आठ रुपए की और उसमें अगर मौरंग और बालू को मिला दिया जाए तो अब 13-15 रुपए की पड़ रही है जबकि पहले 12-13 रुपए में एक ईंट मसाला पड़ता था। डीजल दरों में बढ़ोत्तरी के बाद अब खदान बंद होने का असर भवन निर्माण सामग्री पर सीधा दिखने लगा है। कारोबारियों की मानें तो जिस गति से भवन सामग्री की कीमतें उछाल भर रही हैं उसे देखकर कहा जा सकता है कि जल्द ही मौरंग सौ रुपए और बालू 40 से 50 रुपये घनफिट तक पहुंच सकती है। इससे भवन निर्माण करा रहे लोगों के सामने दिक्कतें आनी स्वाभाविक हैं। ऐसे में उनके आशियाने के सपने अधूरे रह जाएंगे।

मौरंग बीस हजार और बालू दस हजार रुपए प्रति ट्रक महंगा
खदान बंद होने से कीमतों में इजाफा
बरसात को देखते हुए कारोबारियों ने शुरू किया स्टॉक करना
१११ 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। अगर आप घर बनाने की सोच रहे है तो सतर्क हो जाएं क्योंकि अब घर बनवाना काफी महंगा हो गया है। कोरोना काल में मौरंग और बालू की कीमतें आसमान छू रही हैं। खदान बंद होने से बालू और मौरंग की कीमतों में तेजी से इजाफा शुरू हो गया है। खदान बंद होने से जून माह के अंत तक जो मौरंग प्रति घन फिट 70 रुपये में मिल रही थी। अब उसकी कीमतें 85 से 90 रुपये घन फिट पहुंच गई हैं।
यही हाल बालू का है। बीस रुपए में मिलने वाली बालू अब 30 रुपये घन फिट के रेट तक पहुंच गई है। घर बनाने वाले मिस्त्रियों का कहना है कि कोरोना काल में मौरंग और बालू के दाम बढ़े है। दाम बढऩे से एक ईंट आठ रुपए की और उसमें अगर मौरंग और बालू को मिला दिया जाए तो अब 13-15 रुपए की पड़ रही है जबकि पहले 12-13 रुपए में एक ईंट मसाला पड़ता था। डीजल दरों में बढ़ोत्तरी के बाद अब खदान बंद होने का असर भवन निर्माण सामग्री पर सीधा दिखने लगा है। कारोबारियों की मानें तो जिस गति से भवन सामग्री की कीमतें उछाल भर रही हैं उसे देखकर कहा जा सकता है कि जल्द ही मौरंग सौ रुपए और बालू 40 से 50 रुपये घनफिट तक पहुंच सकती है। इससे भवन निर्माण करा रहे लोगों के सामने दिक्कतें आनी स्वाभाविक हैं। ऐसे में उनके आशियाने के सपने अधूरे रह जाएंगे।

बारिश में और चढ़ेंगी मौरंग और बालू की कीमतें

उत्तर प्रदेश सीमेंट व्यापार संघ के अध्यक्ष श्याममूर्ति गुप्ता का कहना है कि तीस जून से मौरंग की खदानें बंद हैं। स्टॉक की गई मौरंग और बालू की बिक्री अभी चल रही है। बरसात को देखते हुए कारोबारियों व लोगों ने अब स्टॉक करना शुरू कर दिया है। इससे आने वाले दिनों में कीमतों में और इजाफा होगा। फिलहाल मौरंग का एक हजार घनफिट के ट्रक पर पंद्रह से बीस हजार रुपया का अंतर आया है। वहीं बालू का ट्रक तीस हजार का आंकड़ा पार कर गया है। बारिश बढऩे के साथ ही भवन सामग्री की कीमतों में और बढ़ोत्तरी होगी।

कोरोना काल में खदानें बंद हैं। अभी स्टॉक की गई मौरंग और बालू बिक रही है। आने वाले दिनों में रेट में इजाफा तय है।
श्याममूर्ति गुप्ता, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश सीमेंट व्यापार संघ

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button