हयात होटल में कोरोना की गाइडलाइन का खुलेआम उल्लंघन, रुपए ऐंठने के लिए हरियाणा सरकार की पॉलिसी का बनाते हैं दबाव

पीड़ित ने सीएम पोर्टल जनसुनवाई पर शिकायत की तो होटल ने कहा डीएम से बात हो गई है, कोईर् दिक्कत नहीं आप पार्टी करिए

लखनऊ। राजधानी लखनऊ का हयात होटल अक्सर अपनी मनमानियों को लेकर चर्चा में रहता है। अभी फिर एक ताजा मामला पकड़ में आया है। हयात होटल ने यूपी सरकार की कोरोना की गाइडलाइन का खुलेआम उल्लंघन किया। रुपए ऐंठने के लिए पीड़ित पर हरियाणा सरकार की पॉलिसी का दबाव बनाया। यहीं नहीं, यूपी सरकार से जारी कोरोना की गाइडलाइन का पालन नहीं करने की बात कही। हयात होटल के डायरेक्टर ऑफ सेल्स प्रवीन काशवान अपनी मनमानी पर उतारू है। वे पीड़ित शाश्वत श्रीवास्तव की बात ही नहीं सुन रहे, बल्कि उल्टा उन्हें गुमराह कर हरियाणा सरकार की कोरोना की गाइडलाइन के पालन करने का दबाव बना रहे हैं। जबकि यूपी सरकार ने स्पष्टï निर्देश दे रखे है कि पार्टी जैसे किसी भी आयोजन पर 200 तक के लोगों को परमीशन लेने की जरूरत नहीं। बावजूद हयात होटल पार्टी बुक कराने वालों पर परमीशन के नाम पर भी रुपए ऐंठ रहा है।
दरअसल, अलीगंज सेक्टर-ई निवासी शाश्वत श्रीवास्तव ने हयात होटल में सितंबर माह में 26 नवंबर के लिए एक पार्टी बुक की थी। इसके लिए उन्होंने पांच लाख रुपए दिए। कुछ दिनों बाद हयात होटल कोरोना की गाइडलाइन के नाम पर गुमराह कर रुपए ऐंठने का दबाब बनाता हैं। पीड़ित शाश्वत उनसे कहते है कि इस आयोजन में 200 से भी कम लोग है तो फिर परमीशन क्यूं लेनी पड़ेगी। इसके बाद हयात होटल ने उन्हें हरियाणा सरकार की गुड़गांव की गाइडलाइन बता दी तो पीड़ित शाश्वत ने जवाब दिया कि हम यूपी के लखनऊ में रहते है। यहां तो यूपी सरकार की गाइडलाइन का पालन ही होगा न। मगर हयात होटल के डायरेक्टर ऑफ सेल्स प्रवीन ने एक न सुनीं, उल्टा 200 से ज्यादा की बात कहते हुए परमीशन के नाम पर गुमराह करने लगे। इसके बाद पीड़ित ने कहा कि जिस होटल में यूपी सरकार की गाइडलाइन का पालन नहीं तो वहां हम पार्टी ही नहीं करेंगे। बुकिंग कैंसिल कर दीजिए। मगर प्रवीन ने शाश्वत को उल्टा धमकाते हुए कहा कि यहां तो होटल की गाइडलाइन चलती है। अब न तो वे रुपए वापस कर रहे और न ही कोरोना की गाइडलाइन का पालन कर रहे। पीड़ित ने प्रवीन से लिखित में जब पूरी डिटेल की परमीशन मांगी तो उन्होंने देने से मना कर दिया। इस संबंध में पीड़ित शाश्वत ने यूपी सरकार के जनसुनवाई-समाधान पोर्टल पर हयात होटल के खिलाफ शिकायत कर कोरोना की गाइडलाइन न मानने को लेकर कार्रवाई की मांग की तो हयात होटल वालों ने एक मेल भेजकर पार्टी बुक कराने के लिए हामी भर दी। हयात होटल ने कहा कि डीएम से हमारी बात हो गई है। आप पार्टी करिए।

लखनऊ के 17 चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल बंद

लखनऊ। राजधानी लखनऊ के 17 चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल बंद है। यह सिग्नल बिल न जमा होने के कारण बंद हुए है और जिन चौराहों पर सिग्नल बंद हुए हैं वहां मैन्युअल व्यवस्था शुरू हो गई है। राजधानी लखनऊ के हजरतगंज, आईजीपी, सिकंदर बाग, सीएमएस चौराहा, हनीमैन, कठौता, ग्वारी, मनोज पांडे, एलडीए मोड़, अब्दुल हमीद चौराहा, कटाई का पुल, रामराम बैंक, आईटी लालबत्ती के सीमन दरियाबाद के चौराहे के बंद है। इससे वाहन चालकों को आवागमन में परेशानी हो रही है। हादसे का भी खतरा बढ़ गया है। बिजली विभाग के उच्चाधिकारियों का कहना है कि राजधानी लखनऊ के इन सिग्नलों का कम से कम हर दो महीने में पांच से छह हजार बिल आता है। बिजली विभाग की माने तो 70 फीसदी चौराहों पर स्मार्ट मीटर लगे हैं। और जिन चौराहों पर स्मार्ट मीटर है अगर वहां पर रिचार्ज ना कराया गया तो बिजली अपने आप कट जाएगी। इस कारण कई सिग्नलों की बिजली अपने आप कट गयी है। इस कारण वे काम नहीं कर रहे है। यातायात विभाग को तुरंत बिल जमा करना चाहिए, नहीं तो हादसा होने पर बिजली विभाग जिम्मेदार नहीं होगा।

सुजीत पांडेय के तबादले पर पुनर्विचार की जरूरत

  • सेंट्रल बार एसोसिएशन ने सीएम को लिखा पत्र

लखनऊ। सेंट्रल बार एसोसिएशन ने लखनऊ के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय के तबादले को लेकर सीएम को पत्र लिखकर पुनर्विचार करने की बात कही है। बार एसोसिएशन के महासचिव संजीव पांडेय ने सीएम को लिखे पत्र में कहा है कि सुजीत पांडेय के ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ स्वभाव ने ही उन्हें लखनऊ का पहला कमिश्नर बनाया। संजीव ने बताया कि लखनऊ में सुचारू रूप से कमिश्नर प्रणाली लागू करने के लिए अथक परिश्रम किया। सुजीत पांडेय की उपस्थिति के कारण आम व्यक्ति को आसानी से न्याय उपलब्ध होता रहा है तथा आम व्यक्ति सहज रूप से उनसे मुलाकात कर सकता था। सभी को न्याय भी प्राप्त होता था। आमजन पुलिस को एक मित्र के रूप में पाता था। संजीव ने बताया कि नकली शराब बनाने वालों के विरुद्ध सुजीत पांडेय ने अच्छी कार्यवाही की। अभियान चलाकर चौराहों पर शराब पीकर हुडदंग करने वालों पर शिकंजा कसा। संजीव ने कहा कि सुजीत पांडेय के तबादले से लोगों के बीच कई सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में इस सरकार को उनके तबादले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
चैंबर ध्वस्त करने के मामले में डीएम से जांच की मांग
सेट्रल बार एसोसिएशन में एडवोकेट आदेश कुमार सिंह एवं संजीव पांडेय के संचालन में एक बैठक आहूत की गई। इसमें खरगापुर परिसर में एसडीएम सदर लखनऊ द्वारा अधिवक्ताओं का चैंबर ध्वस्त करने व अधिवक्ताओं के कागजात, कुर्सी, मेज, पंखे व कूलर, अलमारी को क्षतिग्रस्त किए जाने पर घोर निंदा की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि एसोसिएशन की कार्यकारिणी व सम्मानित सदस्य तहसील परिसर में कार्यरत अधिवक्ताओं के समर्थन में पूर्ण सहयोग करेगी तथा एकजुटता प्रदर्शित करेगी। साथ ही जिलाधिकारी को इस पूरे मामले में जांच करने की बात कही। बार एसोसिएशन ने कहा कि अगर प्रशासन द्वारा उचित निर्णय नहीं लिया गया तो कल अधिवक्ता प्रशासन के विरुद्ध काली पट्टी बांध कर प्रदर्शन करेंगे।

पुलिस भर्ती परीक्षा के लिए 10 जिलों में बने 401 केंद्र

लखनऊ। जेल वार्डन, फायरमैन एवं कांस्टेबल घुड़सवार पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती के लिए होने वाली ऑफलाइन परीक्षा प्रदेश के 10 जिलों में कराई जाएगी। इन जिलों में कुल 401 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। यह परीक्षा 19 व 20 दिसंबर को दो पालियों में होगी। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के आईजी एवं अपर सचिव (भर्ती) विजय भूषण ने बताया कि परीक्षा केंद्र आगरा, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, बरेली, मेरठ, गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद में बनाए गए हैं। अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र शीघ्र ही बोर्ड की वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। इस भर्ती में जेल वार्डन के 3638 पद (3012 पुरुष एवं 628 महिला), कांस्टेबल घुड़सवार पुलिस के 102 पद तथा अग्निशमन विभाग में फायरमैन के 2085 पद शामिल हैं। ये पद वर्ष 2016 में विज्ञापित किए गए थे और ऑनलाइन आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए थे। लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को दस्तवेजों की जांच और शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी) के लिए बुलाया जाएगा। पीईटी में सफल उम्मीदवारों की लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट बनेगी।

सिविल अस्पताल में अब से न्यूक्लिक एसिड टेस्ट की सुविधा

लखनऊ। सिविल अस्पताल में एचआईवी मरीजों के लिए न्यूक्लिक एसिड टेस्ट(नैट) की सुविधा जल्द शुरू की जाएगी। इससे मरीजों में रक्त संक्रमित एड्स फैलने का खतरा लगभग शून्य हो जाएगा। इसके लिए अस्पताल के डायरेक्टर ने केजीएमयू के कुलपति को पत्र लिखकर नमूनों को जांच करने का अनुरोध किया है। मरीजों के नमूने सिविल अस्पताल में ही कलेक्ट किए जाएंगे। इसके बाद उन्हें जांच के लिए केजीएमयू भेजा जाएगा। अभी तक यह सुविधा केजीएमयू, एसजीपीजीआई व लोहिया संस्थान में ही उपलब्ध है। अब सिविल अस्पताल में भी मरीजों के नमूने लेकर जांच को भेजे जाएंगे। इसके लिए मरीजों को कोई शुल्क नहीं देना होगा। नमूनों की जांच का भुगतान सिविल अस्पताल एनएचएम फंड से करेगा। ऐसे में मरीज को न्यूक्लिक एसिड टेस्ट के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। यह बेहद अत्याधुनिक एचआईवी टेस्ट है, जिसमें एचआईवी होने या ना होने का प्राथमिक संक्रमण के दौरान ही पक्का पता चल जाता है। अभी तक अस्पताल में सिर्फ प्रारंभिक जांच ही उपलब्ध है, जिसमें एचआइवी के प्राथमिक संक्रमण का पता नहीं चल पाता। ऐसे में रक्त संक्रमित एड्स होने का खतरा उन मरीजों में बढ़ जाता है, जिन्हें रक्त या रक्त के अवयव चढ़ाए जाते हैं। सिविल अस्पताल की डायरेक्टर डॉ. ज्योत्सना पंत ने बताया कि हमारा लक्ष्य मरीजों को रक्त के शुद्ध अवयव उपलब्ध कराना है। इसलिए केजीएमयू से नैट टेस्ट के नमूने को जांच की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है। वहीं पैथोलॉजी की विभागाध्यक्ष डॉ अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि न्यूक्लिक एसिड टेस्ट का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जिन मरीजों को रक्त चढ़ाया जाता है, उनमें रक्त से एड्स संक्रमण का कोई खतरा नहीं रह जाएगा।

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