तो नैतिकता के आधार पर टेनी को देना चाहिए इस्तीफा!

4पीएम की परिचर्चा में प्रबुद्घजनों ने किया मंथन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। लखीमपुर कांड के मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष की जमानत रद्ïद होते ही टेनी पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है। आशीष को एक हफ्ते में सरेंडर करना है। ऐसे में सवाल उठता हैं कि जब बेटे की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने रद्ïद कर दी तो क्या नैतिकता के आधार पर मंत्री टेनी इस्तीफा दे सकते है? इस मुद्ïदे पर वरिष्ठï पत्रकार सबा नकवी, केपी मलिक, परंजॉय गुहा ठाकुरता, प्रिंस लेनिन, डॉ सुनीलम, आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़, प्रो. जितेंद्र मीना और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने एक लंबी परिचर्चा की।
डॉ. सुनीलम ने कहा कि लखीमपुर मामले में जिस तरीके की टिप्पणियां की हैं सुप्रीमकोर्ट ने, वेे महत्वपूर्ण है। इससे साफ है कि जब तक अजय मिश्रा मंत्री रहेंगे तब तक किसानों को न्याय नहीं मिल सकता। टेनी ने इस मामले में किसानों को धमकाने का काम किया, किसान गुस्से में हैं और न्याय की पूरी लड़ाई लड़ेंगे। परंजॉय गुहा ठाकुरता ने डॉ. सुनीलम की बात का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने कहा जिस तरीके के सबूत हैं उस आधार पर जमानत नहीं दी जा सकती। सात दिन में सरेंडर करने का आदेश दिया है। फिलहाल समय बताएगा ये मामला कहां तक जाएगा। यूपी चुनाव से पहले माहौल गर्म था कि टेनी इस्तीफा देंगे पर नहीं दिया। मेरा मानना है कि नैतिकता के नाते इस्तीफा दे देना चाहिए। प्रियंका कक्कड़ ने कहा हाईकोर्ट इस मामले को नए सिरे से सुन सकता है। मामले में हमारे नेता संजय सिंह ने ट्वीट किया है कि बीजेपी गुंडों की पार्टी है। आप नैतिकता की बात करते हैं जबकि 2014 के बाद से राजनीति में जो हो रहा है या हुआ है। सब देख रहे हैं पर चुप हैं क्योंकि ऐसे लोगों से नैतिकता की बात न करें। सबा नकवी ने कहा इस सरकार को संविधान से, नैतिकता से कोई लेना-देना है ही नहीं। जिसकी लाठी उसकी भैंस। अभी जो शीर्ष अदालत ने कहा, उससे ये थोड़ा चिढ़ेंगे। अब ये जो मंत्री टेनी हंै अगर इनकी जरूरत है तो नहीं हटाएंगे। राजनीति का यही तरीका है कि जरूरत है तो हैं नहीं है तो हटा दो। इसी तरह राजनीति चल रही है। सब भाजपा के हाथ में है। केपी मलिक ने कहा जिस पार्टी की नैतिकता की बात कर रहे, अब ये वह नहीं रही। अगर याद हो तो एक समय हवाला कांड आया था, तब आडवाणी ने कहा था कि जब तक इसका सच सामने नहीं आ जाता है मैं कोई पद नहीं लूंगा। जिस प्रकार से पार्टी का मोरल बदला है तो वे इस्तीफा क्यूं दें। टेनी करते क्या है ये आगे देखने वाला है। प्रो. जितेंद्र मीना व प्रिंस लेनिन भी परिचर्चा भी शामिल हुए।

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