साइबर क्राइम और पुलिस तंत्र

sanja sharma

प्रदेश में साइबर अपराधों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। ये अपराधी अफसरों को भी निशाना बनाने से बाज नहीं आ रहे हैं। हाल ही में इन अपराधियों ने शाहजहांपुर के डीएम की फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर लोगों से पैसों की मांग की। फर्जी आईडी बनाने वाले आरोपी को पकडऩे के लिए पुलिस ओडिशा रवाना हो चुकी है। सवाल यह है कि साइबर अपराधियों के हौसले बुलंद क्यों है? क्या इनके मन से खाकी और कानून का डर समाप्त हो गया है? क्या हाईटेक अपराधियों पर अंकुश लगाने में पुलिस अक्षम है? क्या जागरूकता के अभाव के कारण लोग साइबर अपराधियों के शिकार हो रहे हैं? क्या ऐसे अपराधियों से निपटने के लिए सरकार को नयी रणनीति बनाने की जरूरत महसूस नहीं हो रही है? आखिर आए दिन लोग इनके झांसे में कैसे आ रहे हैं? क्या साइबर सेल शो पीस बनकर रह गया है?
इंटरनेट के साथ दुनिया में नए तरह का क्राइम भी उत्पन्न हुआ। इंटरनेट के जरिए अपराधी कहीं से भी लोगों को अपना शिकार बना सकते हैं। यही वजह है कि दुनिया भर में साइबर अपराध तेजी से फैल रहा है। इसमें स्थानीय से लेकर विदेशी तक शामिल हैं। ये अपराधी लोगों को झांसा देकर उनका बैंक अकाउंट नंबर लेकर पलक झपकते ही पैसा उड़ा देते हैं। ये एटीएम का क्लोन बनाकर लोगों की जमा-पूंजी निकाल लेते हैं। फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर लोगों के परिचितों से पैसा मांगते हैं और कई बार लोगों की गोपनीय जानकारियां चुराकर उन्हें ब्लैकमेल करते हैं। हैरानी की बात यह है कि अधिकांश मामलों में अपराधी पुलिस की गिरफ्त से बच जाते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह पीडि़त को इन अपराधियों के बारे में कोई जानकारी नहीं होना है। ये अपराधी दूसरे राज्यों या देशों से बैठकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। यूपी में आए दिन साइबर क्राइम की घटनाएं सामने आ रही हैं। अब ये अधिकारियों तक को अपना निशाना बना रहे हैं। साफ है इन अपराधियों के हौसले बुलंद हो चुके हैं। पुलिस तकनीक के मामले में इन अपराधियों के सामने काफी पीछे है। लिहाजा वे आसानी से वारदात को अंजाम देकर पुलिस की पकड़ से बच जाते हैं। पुलिस भी इन मामलों में मुकदमा दर्ज कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेती है। वह तभी सक्रिय होती है जब कोई हाई प्रोफाइल मामला सामने आता है। यदि सरकार साइबर अपराधों पर नियंत्रण लगाना चाहती है तो उसे न केवल साइबर पुलिसिंग को बेहतर करना होगा बल्कि उन्हें तकनीकी में पूरी तरह दक्ष बनाना होगा। इसके अलावा जनता में साइबर अपराधों को लेकर जागरूकता अभियान चलाना होगा ताकि वे ऐसे अपराधियों का शिकार होने से बच सकें।

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