लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर रहे अब्दुल

  • सुल्तानपुर जिले के कादीपुर कोतवाली क्षेत्र में मानवता की मिसाल बने समाजसेवी अब्दुल हक

लखनऊ। सुल्तानपुर जिले के कादीपुर कोतवाली क्षेत्र में कोरोना काल में समाजसेवी अब्दुल हक ने मानवता की मिसाल पेश की है। लॉकडाउन में अब्दुल भाई सुल्तानपुर के लोगों के लिए एक तरीके से फरिश्ता बन गए हैं। वे लावारिस शवों का जहां अंतिम संस्कार करा रहे हैं तो वहीं जरूरतमंदों की मदद भी कर रहे हैं। समाजसेवी अब्दुल ने बताया कि गत 29 मई को कादीपुर कोतवाली अन्तर्गत सरायरानी गांव में 85 वर्षीय अज्ञात बुजुर्ग ने पेड़ से लटककर फांसी लगा ली, जिसकी शिनाख्त नहीं हो सकी। इसके बाद कोतवाली पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद अंतिम संस्कार के लिए कादीपुर तुलसीनगर निवासी समाजसेवी अब्दुल हक को शव सौंप दिया। इसके बाद अब्दुल ने हिन्दू रीति-रिवाजों से उस अज्ञात शव का अंतिम संस्कार किया। समाजसेवी अब्दुल हक ने बताया कि ऊपर वाले की इच्छा यही थी कि हम समाज में पीड़ितों के लिए कुछ करें। अभी तक जहां हम विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस वतन लाने के लिए कार्य कर रहे थे तो वहीं मन में एक और भाव जगा कि जो जीवित रहते अपनों के बीच अपने सर्वस्व न्यौछावर कर लावारिस हालत में काल में समा गए, उनके लिए हम उनके परिजन बनकर उनका अंतिम संस्कार उनके धर्म के अनुसार करें। ईश्वर की प्रेरणा मान स्थानीय पुलिस के सहयोग से हमने अब तक कई लावारिस शवों को उनके धर्म के अनुसार अन्तिम संस्कार किए। आज भी सरायरानी गांव में मिले अज्ञात शव को पुलिस से प्राप्त कर गोमती नदी के तट पर अंतिम संस्कार किया गया। पुलिसकर्मी राजबहादुर पटेल, लकी सिंह एडवोकेट, रानीपुर कायस्थ के प्रधान प्रतिनिधि अमित श्रीवास्तव वीरू, अंबिकेस सिंह, अलाउद्ïदीन, आशीष चौधरी का इस नेक काम में विशेष सहयोग रहा।

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