बिहार में अस्पताल में चार बच्चों की मौत से मचा कोहराम

दरभंगा। दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पिछले 24 घंटे में यहां भर्ती चार बच्चों की मौत के बाद हडक़ंप मच गया है. मरने वालों में डेढ़ माह का कोरोना पॉजिटिव बच्चा भी शामिल है। इसके अलावा शनिवार रात से अब तक आठ से 15 साल के तीन और भाई-बहनों की मौत हो चुकी है। उनमें निमोनिया जैसे लक्षण थे। दोनों परिवार मधुबनी के रहने वाले हैं।
ढाई माह के कोरोना पॉजिटिव बच्चे को रविवार सुबह छह बजे शिशु वार्ड में भर्ती कराया गया। इससे पहले उनका इलाज दरभंगा के आरबी मेमोरिल में हुआ था। गंभीर होने पर पटना के एक निजी नर्सिंग होम में इलाज चल रहा था। वहां बच्चे की कोरोना जांच कराई गई तो वह पॉजिटिव आया तो उसे हटा दिया गया। इसके बाद परिजन डीएमसीएच चले गए। यहां शाम साढ़े चार बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। अस्पताल ने बच्चे की कोरोना से मौत की पुष्टि की है। कोविड प्रोटोकॉल के तहत उनके शव को एंबुलेंस से परिजनों के साथ मधुबनी भेज दिया गया है।
शिशु वार्ड में मधुबनी के बिस्फी प्रखंड के इथरवा गांव निवासी रामपुनीत यादव व उनकी पत्नी आशा देवी की 15 दिन पूर्व घर में मौत हो गयी। इसके बाद बाकी के तीन बच्चे चंदन (14 साल), पूजा (12 साल) और आरती (8 साल) बीमार पड़ गए। तीनों को 28 मई की शाम शिशु वार्ड में भर्ती कराया गया था। 29 मई की शाम चंदन की मौत हो गई। रात को कोरोना गाइडलाइन के तहत उनका अंतिम संस्कार किया गया। वे लोग दाह संस्कार कर लौटे थे कि एलाजरत की बेटी पूजा की रात 10:15 बजे मौत हो गई। 30 मई को दोपहर दो बजे तक उसका शव पलंग पर पड़ा था कि बेटी आरती की भी मौत हो गई। सभी बच्चों में एक जैसे लक्षण थे। सभी बुखार, सांस लेने में तकलीफ और शरीर व हाथ में सूजन से परेशान थे।
डीएमसीएच अधीक्षक मणिभूषण शर्मा ने मीडिया को बताया कि ढाई माह का बच्चा जो पटना से आया था वह कोरोना पॉजिटिव था। इसके अलावा शिशु वार्ड में पिछले 24 घंटे में निमोनिया से तीन बच्चों की मौत हुई है। उनकी कोरोना जांच की गई, जिसमें रिपोर्ट निगेटिव आई। उन्होंने बताया कि बच्चे देर से अस्पताल पहुंचे थे। सभी में खून की कमी थी। सभी निमोनिया से पीडि़त थे। इलाज के दौरान हृदय गति रुकने से उनकी मौत हो गई।

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