महाराष्ट्र में आसमान से बरस रही है आफत, मरने वालों की तदाद पहुंची 164 और सौ ज्यादा लोग हो गए लापता

नई दिल्ली। रायगढ़ जिले में 11 और वर्धा और अकोला में दो-दो लोगों के शव मिलने के बाद सोमवार को महाराष्ट्र में बारिश से होने वाली दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढक़र 164 हो गई, जबकि 100 लोग अभी भी लापता हैं। इस बीच, मध्य रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि भारी बारिश के कारण यहां के कुछ मार्गों पर रेल यातायात बाधित होने के चार दिन बाद सोमवार सुबह ठाणे, नासिक और पुणे के पड़ोसी जिलों के थाल और भोर घाट क्षेत्रों में सभी रेल लाइनों पर सेवाएं बाधित हो गईं ।
राज्य सरकार ने एक बयान में कहा कि प्रभावित इलाकों से अब तक 2,29,074 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। उन्होंने बताया कि रायगढ़ जिले में अब तक 71, सतारा में 41, रत्नागिरी में 21, ठाणे में 12, कोल्हापुर में सात, मुंबई में चार और सिंधुदुर्ग, पुणे, वर्धा और अकोला में दो-दो लोगों की मौत हो चुकी है।
राज्य सरकार ने एक बयान में कहा, इसके अलावा बारिश से जुड़ी घटनाओं में 56 लोग घायल हुए हैं, जबकि 100 लोग अभी भी लापता हैं । रायगढ़ में 53, सतारा में 27, रत्नागिरी में 14, ठाणे में चार और सिंधुदुर्ग और कोल्हापुर में एक-एक लोगों के लापता होने की खबर है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि रायगढ़ में अब तक 34 लोग, मुंबई में सात और रत्नागिरी में सात, ठाणे में छह और सिंधुदुर्ग में दो लोग घायल हुए हैं ।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सोमवार को सांगली जिले के विभिन्न बारिश प्रभावित गांवों का दौरा किया और कुछ इलाकों में बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचने के लिए बचाव नौकाओं का इस्तेमाल किया । पवार ने बाढ़ प्रभावित लोगों से भी बातचीत की और उन्हें पुनर्वास और राज्य सरकार की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कोंकण क्षेत्र के रत्नागिरी जिले में चिपलुन का दौरा किया था, जो भीषण बाढ़ से प्रभावित था और वहां के निवासियों, व्यापारियों और दुकानदारों से बातचीत की थी । उन्होंने प्रदेश में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राज्य सरकार से हर संभव मदद का वादा किया था।
सीएम ठाकरे ने कहा था कि उन्हें दीर्घकालिक राहत कार्य के लिए केंद्रीय सहायता की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि वह सोमवार को पश्चिमी महाराष्ट्र का दौरा करेंगे और नुकसान की सीमा के बारे में व्यापक आंकड़े तैयार किए जाएंगे ।
भारी बारिश के कारण पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन हुआ था, जिसमें रायगढ़ जिले के तलिये गांव में सबसे घातक भूस्खलन भी शामिल था । मध्य रेलवे (सीआर) ने भारी बारिश, भूस्खलन और कई स्थानों पर पेड़ गिरने के मद्देनजर 21 जुलाई को रात 10.15 बजे से कसारा घाट के नाम से प्रसिद्ध थाल घाट पर यातायात निलंबित कर दिया था, जबकि भोर में खंडाला घाट के नाम से प्रसिद्ध था। 22 जुलाई को दोपहर साढ़े बारह बजे से घाट पर यातायात स्थगित कर दिया गया था।
मध्य रेलवे के मुख्य प्रवक्ता शिवाजी सुतार ने बताया कि ठाणे और नासिक जिलों की सीमा पर मुंबई से करीब 125 किमी दूर स्थित थाल घाट पर ट्रेनों की आवाजाही के लिए सोमवार को सुबह 6.50 बजे मध्य रेलवे लाइन को सुरक्षित घोषित कर दिया गया। रायगढ़-पुणे जिले की सीमा पर यहां से करीब 100 किमी दूर भोर घाट पर रेल लाइन को सोमवार को सुबह 8 बजे ट्रेन ों के आवागमन के लिए सुरक्षित घोषित कर दिया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button