कोरोना से जंग में सरकार को मिला मेकवेल हॉस्पिटल का साथ

नई मिसाल पेश कर रहा अस्पताल, अब तक 42 मरीज हो चुके हैं स्वस्थ
कोरोना को हराने वाले मरीजों को सम्मानित भी कर रहा अस्पताल प्रशासन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। कोरोना काल के इस संकट में जहां प्रदेश में भय का माहौल व्याप्त है वहीं लखनऊ का एक निजी अस्पताल सरकारी निर्देशों के मुताबिक प्रशासन के साथ कदमताल करते हुए एक नई मिसाल पेश कर रहा है। यह मिसाल गोमतीनगर स्थित मेकवेल हास्पिटल एवं ट्रामा सेंटर ने पेश की है।
मेकवेल हॉस्पिटल प्रशासन ने कोविड-19 से लडऩे में सरकार और प्रशासन का सहयोग करने के लिए 25 जुलाई को अपने यहां कोरोना के मरीजों के इलाज की व्यवस्था प्रारम्भ की। संस्थान ने अपने बेहतर चिकित्सकीय सुविधाओं तथा अच्छे खानपान एवं सफाई के उच्चतम मानकों के बल पर मात्र 20 दिन से भी कम समय में 64 मरीजों को भर्ती किया और 42 मरीजों को कोरोना निगेटिव करके घर भेज दिया है। साथ ही साथ अस्पताल प्रशासन ने एक नई पहल करते हुए मरीजों को सकारात्मक संदेश देने के उद्देश्य से ठीक होकर घर जाने वाले मरीज को कोरोना वॉरियर का प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी करता है। अस्पताल की अनूठी पहल चर्चा का विषय बनी हुई है।

कोरोना से श्रम प्रवर्तन अधिकारी की मौत के बाद नकदी व मोबाइल गायब

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कानपुर। मंधना स्थित रामा अस्पताल के कोविड-19 वार्ड में भर्ती मुजफ्फरनगर के श्रम प्रवर्तन अधिकारी कमलेश कुमार मिश्रा की 14 अगस्त को कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। स्वजनों ने अस्पताल प्रशासन पर कमलेश का एंड्रॉयड मोबाइल फोन और 15 हजार रुपये चोरी करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। मृतक के बेटे उत्कर्ष की तहरीर पर अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट लिखी गई है।
चकेरी जाजमऊ निवासी उत्कर्ष मिश्रा ने बताया कि पिता कमलेश कुमार मिश्रा मुज्जफरनगर में श्रम प्रवर्तन अधिकारी थे। 11 अगस्त को उनकी कोरोना की जांच कराई गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उन्हें रामा अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 14 अगस्त की शाम उनकी मौत हो गई। बेटे के मुताबिक अस्पताल प्रशासन ने उन्हें इलाज का 50 हजार रुपये का बिल दिया था, जिसे उन्होंने अदा कर दिया। इसके बाद उन्हें पिता का शव तो सौंप दिया गया, लेकिन दो महंगे मोबाइल फोन, उनके कपड़ों में रखे 15 हजार रुपये, उनकी एक सोने की अंगूठी नहीं दी। इसके बाद स्वजन ने हंगामा कर दिया। कुछ देर बाद कमलेश का मोबाइल वापस लौटा दिया गया, लेकिन बाकी सामान नहीं दिया। बिठूर थाना प्रभारी कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच कराई जा रही है। अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी प्रणव ने कहा है कि कोविड-19 वार्ड से अब तक करीब 450 मरीज ठीक होकर वापस जा चुके हैं। किसी को कोई शिकायत नहीं हुई। आरोप निराधार हैं, फिर भी कमेटी गठित कर जांच कराएंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button