आधी रात हटा दिए गए सीबीसीआईडी के डीजी और एडीजी

  • चर्चाओं का बाजार गर्म, पुलिस महकमे के अफसरों में बढ़ती जा रही है खींचतान
  • ऐसा क्या हुआ कि आधी रात को हटाए गए दो वरिष्ठï आईपीएस अफसर
  • दिल्ली तक पहुंच रही हैं प्रदेश में अफसरों की गुटबाजी की सूचनाएं
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। पुलिस महकमे में आजकल सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। बड़े अफसरों की गुटबाजी और कुछ अफसरों के बेलगाम होने की खबरें लखनऊ से दिल्ली तक चर्चा में है। ऐसे में आधी रात को सीबीसीआईडी के डीजी और एडीजी को हटाने के बाद यह चर्चा और तेज हो गयी कि आखिर ऐसा क्या कारण था जो इन दो वरिष्ठ अफसरों को एक साथ हटा दिया गया। पूर्व आईजी अमिताभ ठाकुर ने सीएम को खत लिखकर पूछा है कि आखिर ऐसा क्या लोकहित था जो इन अफसरों को आधी रात में हटा दिया गया। पुलिस महकमे में अफसरों की आपसी खींचतान लगातार बढ़ रही है। पोस्टिंग के लिये एक दूसरे की बुराई का चलन बढ़ा है। शीर्ष स्तर पर भी एक दूसरे की शिकायतें पहुंचायी जा रही हैं। उधर कुछ अफसर ऐसे भी हैं जो दावा करते हैं कि वे सरकार में शीर्ष के बहुत करीबी हैं इसलिये उन्होंने कानून को ताक पर रखना शुरू कर दिया है। ऐसे अफसरों की सारी कारगुजारी पीएम मोदी और देश के गृहमंत्री अमित शाह को भी भेजी गयी है। इस बीच आधी रात को ऐसा क्या हुआ जो दो वरिष्ठ अफसरों को अचानक हटा दिया गया, यह किसी को समझ नहीं आ रहा। पूर्व में जो तबादले होते थे वे तत्काल मीडिया के लिये बने व्हाट्सएप ग्रुप में गृह विभाग के अफसरों द्वारा तत्काल डाल दिये जाते थे मगर पिछले दिनों यह चलन बंद कर दिया गया। कुछ पत्रकारों को निजी तौर पर यह भेज दिये जाते हैं और वही वायरल हो जाते हंै। जाहिर है ऐसी कार्यशैली से महकमे के भीतर सवाल भी खड़े होते हैं और चर्चा भी तेज होती है कि सीबीसीआईडी के अफसरों ने शीर्ष नेत्तृव की ऐसी कौन सी बात नहीं मानी जो उनको इस तरह अचानक हटा दिया गया। गौरतलब है कि प्रदेश की योगी सरकार ने सीबीसीआईडी में शीर्ष स्तर पर बड़ा फेरबदल किया है। सीबीसीआईडी के डीजी विश्वजीत महापात्रा और एडीजी एसके माथुर को हटा दिया गया है। केंद्र सरकार की प्रतिनियुक्ति से वापस लौटे आरके स्वर्णकार को एडीजी सीबीसीआईडी के पद पर तैनात किया गया है। वहीं सीबीसीआईडी के डीजी का अतिरिक्त कार्यभार पीवी रामशास्त्री को सौंपा गया है। पीवी रामाशास्त्री प्रदेश में डीजी सतर्कता के पद पर तैनात हैं।

आधी रात को कौन सा लोकहित था : अमिताभ ठाकुर

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। सीबीसीआईडी के दो वरिष्ठतम अफसरों को अचानक आधी रात में हटाए जाने को लेकर पूर्व आईजी अमिताभ ठाकुर ने सीएम योगी आदित्यनाथ को खत लिखा है। अपने पत्र में अमिताभ ठाकुर ने पूछा है कि सीबीसीआईडी के दो वरिष्ठतम अफसरों विश्वजीत महापात्रा, डीजी, सीबीसीआईडी तथा सतीश माथुर, एडीजी, सीबीसीआईडी को अचानक एक साथ प्रतीक्षारत कर दिया गया व सतर्कता अधिष्ठान में कार्यरत डीजी पीवी रामशास्त्री को डीजी, सीबी-सीआईडी का अतिरिक्त कार्यभार दे दिया गया। कथित रूप से यह आदेश लोकहित में पारित किया गया। पत्र में पूर्व आईजी अमिताभ ठाकुर ने लिखा है कि चूंकि मैं स्वयं अपने मामले में लोकहित में अनिवार्य सेवानिवृत्ति देख चुका हूं, अत: इस लोकहित शब्द को काफी हद तक समझने लगा हूं। मुझे बताई जानकारी के अनुसार प्रदेश की उच्चतम जांच एजेंसी के दो वरिष्ठतम अफसरों को एकाएक इस प्रकार हटा कर प्रतीक्षारत किये जाने का लोकहित वास्तव में यह था कि उन दोनों अफसरों द्वारा विगत दिनों जिन पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गयी, उन कार्रवाईयों को लेकर प्रदेश सरकार के उच्चस्तर पर गहरी नाराजगी थी क्योंकि इन कार्रवाईयों से सत्ता में बैठे ताकतवर लोगों को क्षति पहुंच रही थी। इनमें विशेषकर थाना मड़ियांव, लखनऊ फर्जी केस में बेगुनाह मनीष मिश्र को जेल भेजने के मामले में नेपाल सिंह, उपनिरीक्षक तथा अन्य के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाए जाने तथा मथुरा के कोसीकलां में आठ वर्ष पूर्व हुए सांप्रदायिक दंगों में दो लोगों को जिन्दा जलाने के मामले में सीबीसीआईडी द्वारा की जा रही निष्पक्ष एवं नियमसंगत कार्यवाही से हुई राजनैतिक नाराजगी भी प्रमुख कारण बताये जा रहे हैं। संभव है कि ये जो बातें आम लोगों के बीच चर्चा में हैं, वे सही न हों तथा वास्तव में कोई ऐसा लोकहित हो जिसके कारण उक्त दोनों अफसरों को एकसाथ रातोंरात इस प्रकार प्रतीक्षारत कर दिया गया हो। किसी भी स्थिति में लोकहित में यह नितांत आवश्यक है कि इन दोनों अफसरों को इस प्रकार अचानक हटाये जाने विषयक लोकहित को सार्वजनिक किया जाये।

कोरोना बना काल, एक दिन में 714 लोगों की मौत
4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। देश में कोरोना विकराल होता जा रहा है। संक्रमण से होने वाली मौतों में जबरदस्त इजाफा हुआ है। बढ़ती मौतों की संख्या से केंद्र और राज्य सरकारें बेहद चिंतित हैं। महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, केरल, छत्तीसगढ़, चंडीगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली और हरियाणा में हालात चिंताजनक हो गए हैं। पिछले चौबीस घंटे में न केवल 714 लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी है बल्कि इस दौरान 89 हजार से अधिक केस मिले हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बीते 24 घंटे में 89 हजार 129 नए मामले सामने आए हैं और 714 लोगों की मौत हो गई है। पिछले साढ़े छह महीने में एक दिन में सामने आए ये सर्वाधिक मामले हैं। इससे पहले 20 सितंबर को 92 हजार 605 मामले सामने आए थे। 21 अक्टूबर के बाद इतनी संख्या में लोगों की मौत हुई है। इसके चलते एक्टिव केस बढ़कर छह लाख 58 हजार से ज्यादा हो गए हैं। देश में अब तक कोरोना के कुल एक करोड़ 23 लाख 92 हजार 260 मामले सामने आए हैं। वहीं एक लाख 64 हजार 110 लोगों की मौत हो गई है। एक्टिव केस छह लाख 58 हजार 909 है। रिकवरी रेट गिरकर 93.36 फीसदी और डेथ रेट 1.32 फीसदी है। देश में अब तक सात करोड़ 30 लाख 54 हजार 295 लोगों का टीकाकरण हो चुका है।
पंचायत चुनाव: 18 जिलों में नामांकन शुरू
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। यूपी पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है और पहले चरण के लिए आज से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके तहत प्रदेश के 18 जिलों में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत सदस्य के पदों के लिए उम्मीदवार अपने नामांकन दाखिल कर रहे हैं। सभी विकास खंड मुख्यालयों पर नामांकन पत्र सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे के बीच दाखिल किये जाएंगे। जिन 18 जिलों में नामांकन हो रहे हैं उनमें आगरा, गोरखपुर, सहारनपुर, गाजियाबाद, अयोध्या, रामपुर, बरेली, हाथरस, कानपुर नगर, झांसी, महोबा, प्रयागराज, रायबरेली, हरदोई, श्रावस्ती, संतकबीरनगर, जौनपुर और भदोही शामिल हैं।

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