896 नागरिक पुलिसकर्मियों के पदावनत का आदेश वापस

भविष्य में पीएसी के किसी भी काॢमक को नागरिक पुलिस में नहीं भेजे जाने की भरी हामी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। कोरोना काल में भी दीपावली पर इस बार राज्य के कर्मचारियों को बोनस की घोषणा करने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुलिस तथा पीएसी के जवानों का भी मनोबल बढ़ाया है। सीएम योगी के निर्देश पर 896 पुलिसकर्मियों के पदावनत का आदेश वापस ले लिया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृह विभाग ने 896 पुलिसकर्मियों के पदावनत का आदेश वापस लिया है। इनको पदावनत करने का आदेश जारी करने वाले एडीजी स्थापना का पहले ही तबादला कर दिया गया था।
अब शीघ्र ही सभी नागरिक पुलिसकर्मियों के पदावनत का आदेश वापस लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने पुलिस एवं पीएसी जवानों के शौर्य व सेवाभाव की सराहना करते हुए निर्देश दिए हैं कि संबंधित जवान जो पीएसी से निर्धारित व्यवस्था के अनुरूप शासकीय हित में दिनांक 29 नवंबर 2004 तक नियमित रूप से प्रत्येक वर्ष नागरिक पुलिस में भेजे गए थे, उस दिनांक को रिक्त पदों के सापेक्ष संबंधित काॢमक संविलीन माने जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि पुलिस मुख्यालय के नौ सितंबर को जारी नागरिक पुलिस कार्मिकों के पदावनत आदेश को वापस लिया जाए। यही नहीं, पीएसी के जो कार्मिकों 29 नवंबर 2004 के बाद सशस्त्र पुलिस/नागरिक पुलिस में चले गए थे, यदि वह निर्धारित मानक पूरे करते हों तो उन्हेंं भी नागरिक पुलिस में संविलीन किया जाए। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। साथ ही इस मामले में यह भी स्पष्ट किया गया है कि भविष्य में पीएसी के किसी काॢमक को नागरिक पुलिस में नही भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पीएसी मुख्यालय भी पीएसी एवं नागरिक पुलिस में प्रोन्नति के अवसर समानान्तर करने के लिये भी अलग से प्रस्ताव तैयार करें।

गो-आश्रय स्थलों से उपलब्ध कराएं गाय
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुपोषित परिवारों, जिनके पास गाय रखने का स्थान उपलब्ध हो तथा गौ-पालन के इच्छुक हों, उन्हेंं गो-आश्रय स्थलों से गाय उपलब्ध करायी जाए। गाय के भरण-पोषण के लिए प्रति गाय प्रतिमाह 900 रुपए भी प्रदान किए जाएं। यह व्यवस्था मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के तहत की जाए। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि अब तक 1,052 कुपोषित परिवारों को गोवंश उपलब्ध कराया गया है।

किसानों से दुव्र्यवहार कतई बर्दाश्त नहीं : मुख्यमंत्री

पराली जलाने को प्रदेश में वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है। ऐसे में पुलिस प्रदेश में पराली जलाने वाले किसानों के प्रति कड़ी कार्रवाई कर रही है। पुलिस की इस कार्रवाई पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद नाराजगी जताई है। मुख्यमंत्री ने साफ लफ्जों में कहा है कि किसानों के साथ दुव्र्यवहार कतई बर्दाश्त नहीं होगा। साथ ही उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह लोग पराली जलाने वाले किसानों को इससे होने वाले नुकसान तथा इसके उपयोग के प्रति जागरूक करें। सीएम ने कहा कि किसी भी स्थिति में कहीं भी इस मुद्दे पर किसानों से बदसलूकी सहन नहीं की जाएगी। पराली को लेकर गाईडलाइन जारी की जा चुकी हैं। अब सूबे में अभियान चलाकर अधिकांश किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान और नहीं जलाने से होने वाले लाभ के बारे में जानकारी दी जाए। उन्हेंं बताएं कि पराली जलाना पर्यावरण के साथ आपकी जमीन की उर्वरा शक्ति के लिए भी ठीक नहीं है।

प्रभावी ढंग से हो समूहों की टेस्टिंग का कार्य

कोराना वायरस पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर सीएम योगी ने सभी अधिकारियों को हर स्तर पर काम को सही ढंग से अंजाम पर लाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर हुई समीक्षा बैठक में कोविड-19 पर प्रभावी अंकुश के लिए निरन्तर सतर्कता एवं सावधानी बरतने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण की चेन को तोडऩे के लिए प्रभावी उपाय जारी रखते हुए लोगों को कोरोना से बचाव के संबंध में निरन्तर जागरूक करें। साथ ही विभिन्न समूहों की फोकस टेस्टिंग का कार्य प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए। उन्होंने कहा कि आगामी पर्वों की तैयारियों के सिलसिले में बाजारों में बड़ी संख्या में लोग खरीददारी करने के लिए आ रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए विभिन्न समूहों की फोकस टेस्टिंग का कार्य प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए। उन्होंने कहा कि डेंगू सहित विभिन्न संचारी रोगों को नियंत्रित करने के लिए एन्टी लार्वा रसायनों का नियमित तौर पर छिडक़ाव किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि फॉगिंग का कार्य लगातार संचालित हो।

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