इलाहाबाद, फैजाबाद के बाद अब लखनऊ का बदलेगा नाम!

लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ का नाम बदलने के अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत में सीएम योगी के एक ट्वीट से लखनऊ का नाम बदले जाने की अटकलें लगने लगीं हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट में लिखा कि शेषावतार भगवान श्री लक्ष्मण जी की पावन नगरी लखनऊ में आपका हार्दिक स्वागत व अभिनंदन। बता दें कि सीएम योगी ने यह ट्वीट अमौसी एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करते हुए खींची गई फोटो को टैग करते हुए किया है। इस ट्वीट के बाद यह सवाल उठने लगा है कि लखनऊ का नाम लक्ष्मण जी के नाम पर किया जा सकता है। यह अटकलें इसलिए भी लगाई जा रही हैं, क्योंकि इससे पहले लखनऊ का नाम बदलकर लखनपुरी, लक्ष्मणपुरी और लखनपुर करने की मांग उठाई जा चुकी है। योगी सरकार ने इससे पहले कई जगहों के नाम बदले हैं। इलाहाबाद और फैजाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज और अयोध्या किया जा चुका है। हालांकि सीएम के आधिकारिक ट्विटर हैंडिल से इसी तस्वीर के साथ किए गए ट्वीट की भाषा बदली हुई है। इसमें उन्होंने इस ट्वीट में लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्टï्रीय एयरपोर्ट पर स्वागत की बात लिखी है। पीएम मोदी कुशीनगर के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद शाम लखनऊ पहुंचे। अमौसी एयरपोर्ट पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक ने पीएम मोदी का स्वागत किया। यह दूसरा मौका था जब मोदी बतौर प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। इससे पहले मोदी 20 जून 2017 को मुख्यंमत्री आवास आए थे। तब राष्ट्रपति चुनाव से पहले का मौका था।

बृजभूषण व राज ठाकरे एक ही थैली के चट्ïटे-बट्ïटे : कृष्णम

लखनऊ। राज ठाकरे और ओवैसी अपनी राजनीति चमकाने के लिए तरह-तरह की बयानबाजी करते रहते हैं। राज ठाकरे और ओवैसी सौतेले भाई हैं। इसी तरह राज ठाकरे और बृजभूषण शरण सिंह भी एक ही थाली के चट्ïटे-बट्ïटे हैं। इनका धर्म, आस्था और लोगों की भावनाओं से कोई लेना-देना नहीं है। यह कहना है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम का जो सोमवार को सांसद दीपेंद्र हुड्डा के साथ अयोध्या पहुंचे थे। प्रमोद कृष्णम और सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने हनुमानगढ़ी और रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई। दर्शन करने के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राज ठाकरे की अयोध्या यात्रा को लेकर हो रहे विवाद पर कहा कि बृजभूषण शरण सिंह और राज ठाकरे दोनों में कोई फर्क नहीं है। भारत की संस्कृति महान है विश्व बंधुत्व, वसुधैव कुटुंबकम हमारा उद्ïघोष है। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी में हुए सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलना बहुत ही अद्ïभुत विषय है। यह हमारी आस्था से भी जुड़ा हुआ मामला है। न्यायालय के निर्णय का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। हम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं। भारत संवैधानिक देश है न्याय पालिका का जो आदेश होगा, उसे सभी को मानना पड़ेगा। जहां तक इतिहास का प्रश्न है तो प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं होती। ताजमहल को लेकर कोर्ट में डाली गई याचिका पर कृष्णम ने कहा कि भारत सरकार को चाहिए कि ताज महल और कुतुबमीनार हिंदुओं को सौंप दें।

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