यूपी चुनाव में पायलट को सिंधिया वाला रोल मिलना तय!

सचिन पायलट को सम्मान दिलाने में जुटीं प्रियंका

गुर्जर वोटों को अपने पाले में लाने के लिए कांग्रेस का बड़ा दांव

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

लखनऊ। यूपी में विधान सभा चुनाव नजदीक है। ऐसे में सभी राजनीतिक दल सत्ता पाने की आस में लगातार जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं। भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेस को लेकर अगर न्यूज चैनलों व एजेसिंयों के सर्वे की बात मान ले तो प्रदेश में कांग्रेस को अभी बहुत ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है। ऐसे में कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी लगातार लोगों से फीडबैक ले रही है। साथ ही पार्टी संगठन को मजबूत करने में भी जुटी हुईं है।

काफी हद तक संगठन को प्रियंका का लाभ भी मिला है। पश्चिमी यूपी में कांग्रेस की अच्छी पैठ के चलते प्रियंका गांधी ने बड़ा दांव खेला है। प्रियंका राजस्थान से सचिन पायलट को लाकर यूपी के चुनाव में अहम जिम्मेदारी देने के मूड में हैं। इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच लंबे समय से चल रही सियासी टशन को कांग्रेस हाईकमान जल्द से जल्द खत्म कराना चाहता है। पायलट की नाराजगी को दूर कर प्रियंका गांधी यूपी के चुनावी मैदान में उन्हें उतारकर कैश कराने का प्लान बनाया है। दरअसल, राजस्थान के मामले को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहुल गांधी के आवास पर एक महीने के अंदर दूसरी बार कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और राजस्थान के प्रभारी अजय माकन के साथ पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के साथ मिले हैं।

माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी चाह रही है कि सचिन पायलट को जल्द से जल्द उचित सम्मान देकर कांग्रेस में संगठन में उन्हें सक्रिय किया जाए। प्रियंका गांधी कांग्रेस की महासचिव के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की प्रभारी हैं, मगर राजस्थान की राजनीति में उनकी सक्रियता को देखते हुए साफ है कि वे यूपी से बाहर भी कांग्रेस की राजनीति में दखल देना शुरू कर दिया है। हालांकि प्रियंका गांधी भले ही सचिन पायलट की पैरवी कर रही हो, लेकिन उनके निशाने पर उत्तर प्रदेश का 2022 विधानसभा चुनाव है और वे यहां सचिन को जिम्मेदारी देने के मूड में हैं।

यूपी में प्रियंका गांधी की साख दांव पर
यूपी में अपनी हालत सुधारने के लिए कांग्रेस जी-तोड़ मेहनत करती हुई नजर आ रही है, लेकिन बीजेपी और सपा के बीच सीधी होती लड़ाई के चलते हालत जस के तस बने हुए हैं। ऐसे में कांग्रेस कशमकश में फंसी हुई है कि कैसे पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी की छवि और लोकप्रियता को बचाए रखा जाए। 2022 के चुनाव में कांग्रेस बेहतर नहीं कर पाई तो उसका सीधा असर प्रियंका गांधी पर पड़ेगा। ऐसे में कांग्रेस पश्चिम यूपी के इलाके में सचिन पायलट को सक्रिय कर रही है, जहां एक समय इसका जिम्मा ज्योतिरादित्य सिंधिया के कंधों पर था। हालांकि, सिंधिया अब कांग्रेस का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम चुके हैं।

पश्चिमी यूपी में गुर्जर वोटर अहम

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गुर्जर मतदाताओं की बड़ी संख्या हैं, जो कई विधान सभा सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। मौजूदा समय में कांग्रेस के पास यूपी में कोई बड़ा और प्रभारी गुर्जर चेहरा नहीं है, जिसके चलते प्रियंका गांधी ने सचिन पायलट को जल्द से जल्द पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सक्रिय करना चाहती है। इसके मद्ïदेनजर वह लगातार सचिन पायलट को लेकर राजस्थान की बैठकों में शामिल हो रही हैं।

पायलट ने एक महीने में चार दौरे किए

सचिन पायलट ने पिछले एक महीने में उत्तर प्रदेश के चार दौरे कर चुके है। लखनऊ और कानपुर में पीसी के अलावा संभल के कल्कि पीठ में संतों को संबोधित किया तो अपने पैतृक गांव नोएडा के वेदपुरा पहुंचकर गोवर्धन पूजा कार्यक्रम में शामिल हुए। इतना ही नहीं, प्रियंका गांधी जब लखीमपुर खीरी कांड के समय हिरासत में लिया गया था तब सचिन पायलट को सडक़ मार्ग से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रास्ते लखीमपुर खीरी पहुंचने के लिए कहा गया था। सचिन पायलट को पुलिस ने जब लखीमपुर खीरी जाने से रोका गया तो उन्होंने बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ गिरफ्तारी दी थी। इस तरह से पायलट लगातार यूपी में सक्रिय हैं।

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