कृषि कानूनों की वापसी तक घर नहीं लौटेंगे किसान, सरकार पर विपक्ष हमलावर

कल से और तेज होगा आंदोलन, अमृतसर से हजारों किसान दिल्ली रवाना
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर तैनात किए जाएंगे दो हजार जवान, सपा का प्रदर्शन जारी

4पीएम न्यूज नेटवर्क. नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच चल रही तनातनी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार इन तीनों कानून को वापस नहीं लेगी वे घर नहीं लौटेंगे। किसानों ने आंदोलन तेज कर दिया है। अमृतसर से हजारों किसान दिल्ली रवाना हो गए हैं। वहीं इस मुद्दे पर विपक्ष सरकार पर लगातार हमलावर है। कृषि कानूनों के खिलाफ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में सपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन जारी है। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज 16वें दिन भी जारी है। अमृतसर से किसान मजदूर संघर्ष समिति के सदस्यों ने दिल्ली कूच कर दिया है। किसान नेता तीनों कानूनों को रद्द करने पर ही अड़े हैं। किसानों ने ऐलान किया है कि वह दिल्ली-जयपुर हाईवे को जाम करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार कानून वापस ले। किसान अपने घर चला जाएगा। दूसरी ओर किसानों द्वारा जयपुर हाईवे एनएच-48 को ब्लॉक करने के ऐलान के बाद भारी पुलिस बल की तैनाती की जा रही है। दो हजार से अधिक पुलिस कर्मी यहां मोर्चा संभालेंगे। किसानों के साथ विभिन्न संगठनों द्वारा 12 दिसंबर को आंदोलन तेज करने के आह्वान पर जिला प्रशासन और पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है। गौरतलब है कि सरकार से अब तक की हुई बातचीत और मिले प्रस्तावों को संयुक्तकिसान मोर्चा ने खारिज कर दिया है और फिलहाल बात बनती नहीं दिख रही है। लिहाजा टकराव की आशंका बढ़ गई है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचे किसान संगठन
भारतीय किसान यूनियन ने कृषि कानूनों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है। याचिका में तीनों कृषि कानूनों को चुनौती दी गई है। किसान संगठनों ने साफ किया कि वे कानून वापस होने तक आंदोलन खत्म नहीं करेंगे और अपनी लड़ाई तेज करेंगे।
कृषि कानूनों के फायदे गिनाएगी भाजपा
किसानों के आंदोलन के बीच जनता को नए कृषि कानूनों के फायदे बताने के लिए खुद भाजपा मैदान में उतरी है। पार्टी आज से देश में 700 चौपालों का आयोजन करेगी।
पीएम मोदी ने की अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा हाल ही में किसान आंदोलन के मामले में की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र किया और लोगों से उन्हें सुनने की अपील की। प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, ‘मंत्रिमंडल के मेरे दो सहयोगी नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने नए कृषि कानूनों और किसानों की मांगों को लेकर विस्तार से बात की है। इसे जरूर सुनें।Ó
समर्थन में उतरे हरियाणा के सरपंच, 15 ने दिया इस्तीफा
कैथल। हरियाणा के कैथल जिले के हलके कलायत में किसान आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है। किसानों को समर्थन देते हुए खंड के कुल 29 सरपंचों में से 14 ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। पद छोड़ने वालों में सरपंच संगठन के प्रधान कर्मवीर कोलेखा भी शामिल हैं।
आंदोलन में ड्यूटी पर तैनात दो पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित
दिल्ली पुलिस ने बताया है कि किसान आंदोलन में लगे दो पुलिस कर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने कहा, एक डीसीपी और एक एडिशनल डीसीपी जोकि सिंघु बॉर्डर पर तैनात थे, वे दोनों कोरोना संक्रमित मिले हैं।
सड़कों पर ठिठुरते आंदोलनकारियों की जायज मांगों को लेकर भाजपा सरकार हृदयहीन रवैया अपनाकर किसानों की घोर उपेक्षा कर रही है। इस पर जो वैश्विक प्रतिक्रिया आ रही है, उससे दुनियाभर में भारत की लोकतांत्रिक छवि को गहरी ठेस पहुंची है। भाजपा सरकार पोषण करनेवालों का शोषण करना बंद करे।
अखिलेश यादव, सपा प्रमुख
देश के कृषक पंजाब के किसानों के बराबर आय चाहते हैं, लेकिन केंद्र सरकार उनकी आय बिहार के किसानों के बराबर करना चाहती है।
राहुल गांधी, पूर्व अध्यक्ष, कांग्रेस

निजी अस्पतालों में ओपीडी ठप, सरकारी डॉक्टरों ने भी दिया समर्थन

आयुष चिकित्सकों को सर्जरी करने की छूट देने के विरोध में आईएमए ने बुलाई हड़ताल
इमरजेंसी सेवाएं खुलीं कोरोना मरीजों का भी किया गया इलाज

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। आयुष डॉक्टरों को सर्जरी करने की छूट दिए जाने और देश में 2030 से इंटीग्रेटेड मेडिसिन को लागू करने के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के आह्वान निजी अस्पतालों ने आज हड़ताल की । लिहाजा निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवा पूरी तरह बंद हैं। सिर्फ इमरजेंसी सेवा खुली है और कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है। पैथोलॉजी व डायगनोस्टिक सेंटर भी बंद हैं। सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने भी आईएमए को अपना समर्थन दिया है। उन्होंने काली पट्टी बांधकर ड्यूटी की। देश के अन्य राज्यों में भी विरोध प्रदर्शन किया गया।
यूपी में करीब 15 हजार प्राइवेट अस्पताल, नर्सिंग होम, पैथोलॉजी और डायग्नोस्टिक सेंटर बंद हैं। लखनऊ व प्रयागराज में बंद के कारण मरीजों को ेबिना इलाज के लौटना पड़ा। आईएमए के यूपी स्टेट ब्रांच के प्रेसिडेंट डॉ. अशोक राय ने बताया कि सभी 15 हजार निजी अस्पताल, पैथोलॉजी व डायगनोस्टिक सेंटर में सिर्फ इमरजेंसी सेवा व कोरोना मरीजों के इलाज की सुविधा ही बहाल रही। कल सुबह छह बजे तक यह बंदी रहेगी। आयुष डॉक्टरों को आधे-अधूरे ढंग से ब्रिज कोर्स कराकर सर्जरी करने की छूट दी जा रही है। वहीं इंटीग्रेटेड मेडिसिन के लिए केंद्र सरकार के समितियां गठित की हैं। अभी एलोपैथी, आयुर्वेद, यूनानी व होम्योपैथी की अपनी अलग-अलग पहचान है। ऐसे में इन सबको मिलाकर मिक्सोपैथी बनाने के घातक परिणाम होंगे। प्रयागराज में एलोपैथिक डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया। दूसरी ओर सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर भी आंदोलन के समर्थन में हैं। उन्होंने बांह पर काली पट्टी बांधकर हड़ताल का समर्थन किया।

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