यूपी के सियासी खेमों में शुरू हो रहा दलबदल का दौर

लखनऊ। कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के भगवा झंडा उठाने के बाद यूपी की सियासत में भगवा ब्रिगेड में शामिल होने की होड़ बढ़ गई है। कांग्रेस के ही कुछ और विधायक अपनी पार्टी के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं तो बसपा और सपा पर सेंधमारी की तैयारी में भाजपा जुटी है।
बीजेपी चुनाव से ठीक पहले यह संकेत देना चाहती है कि वह पहले से ज्यादा मजबूत है, क्योंकि चुनाव के समय लोग मजबूत के पाले में आते हैं। सूत्रों से पता चलता है कि कांग्रेस के कई और नेता भी भाजपा के संपर्क में हैं। इनमें दो विधायक भी हैं। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा विपक्ष की ताकत को कमजोर करने की दिशा में आगे बढ़ी है। सभी विपक्षी दल निशाने पर हैं। सूत्रों से पता चलता है कि कांग्रेस के सात विधायकों में से अदिति सिंह और राकेश सिंह जाहिरा तौर पर भाजपा के साथ हैं। बाकी पांच विधायकों में से तीन ऐसे हैं, जो दूसरे दलों में अपनी जगह तलाश रहे हैं। इनमें से दो बीजेपी के संपर्क में हैं और सही समय का इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा कांग्रेस के पूर्वांचल के एक मजबूत नेता भी बीजेपी के करीबी हो रहे हैं। हालांकि उनकी रवानगी का सही समय तय नहीं हो पाया है। इसके साथ ही कानपुर के एक कांग्रेस नेता के भाजपा में शामिल होने की काफी अटकलें लगाई जा रही हैं। बताया जा रहा है कि वह पिछले विधानसभा चुनाव में ही भाजपा में शामिल होने की तैयारी कर रहे थे। अब जितिन के बीजेपी में जाने के बाद उन्हें भी यह मौका अनुकूल दिख रहा है।
कहा जा रहा है कि कांग्रेस ही नहीं बल्कि सपा और बसपा भी बीजेपी के निशाने पर हैं। दरअसल, बीजेपी चाहती है कि विपक्ष चुनावी परिसर में आने से पहले भी सार्वजनिक रूप से इस सवाल का जवाब दे कि अगर वे सत्ता के दावेदार हैं तो फिर बीजेपी में उनके कामरेड क्यों? राजनीतिक हलकों में कहा जा रहा है कि बसपा के ज्यादातर विधायक अब उनके अपने नहीं हैं।
बताया जा रहा है कि इनमें से कई सपा और कुछ भाजपा के संपर्क में हैं। हाल ही में बसपा से दरकिनार किए गए दो नेताओं में से एक का भाजपा में शामिल होना लगभग तय है। सूत्रों से पता चलता है कि सपा में भी तोडफ़ोड़ के कुछ प्रयास शुरू हो गए हैं।
जितिन के बीजेपी में शामिल होने के बाद अब उस डील को राजनीतिक हलकों में तलाशा जा रहा है, जिसके बाद जितिन ने बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया। सूत्रों का दावा है कि जितिन को मंत्री पद और विधान परिषद में सदस्य के रूप में यूपी की राजनीति में लाया जाएगा । जिस तरह से मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा हो रही है, उसे देखते हुए अटकलें और मजबूत हो रही हैं।

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