रॉ का एजेंट बताकर पाकिस्तान में मुजाहिरों पर हो रहा अत्याचार

नई दिल्ली। एलओसी पर सीजफायर समझौता लागू होने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच इन दिनों रिश्ते शांत हैं फिर भी पाकिस्तान अपने पड़ोसी भारत पर आरोप लगाने का कोई मौका नहीं चूकता।
इन दिनों भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ और पाकिस्तान में इसके कथित तीन हिटमैन को लेकर काफी चर्चा है। पाकिस्तान का दावा है कि इन तीनों हमलावरों ने पिछले कुछ सालों में उसके 18 पुलिसकर्मियों समेत कई लोगों की जान ली है। इसके साथ ही कई हमेशा के लिए विकलांग हो गए। अब वहां की पुलिस मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट के नेताओं से इन कथित हमलावरों के साथ संबंध होने के आरोप में पूछताछ कर रही है।
द डॉन अखबार के मुताबिक पाकिस्तान की कराची पुलिस ने 10 मई को मोहम्मद शहजाद उर्फ खाज्जी नाम के शख्स को पकड़ा था। पुलिस ने दावा किया कि खाज्जी कोई और नहीं बल्कि रॉ का हिटमैन था। जिसे पाकिस्तान के आला अधिकारियों को मारने की ट्रेनिंग दी गई थी। कराची पुलिस के मुताबिक, मोहम्मद शहजाद उर्फ खाज्जी सिंध के कराची इलाके में सक्रिय मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट का सक्रिय कार्यकर्ता था।
यह पार्टी 1947 में भारत से पाकिस्तान पहुंचे 20 मिलियन उर्दू भाषी मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करती है। आज भी पाकिस्तान में इन लोगों को मुहाजिर यानी शरणार्थी माना जाता है और उन्हें कई तरह के अधिकारों से वंचित किया जाता है। जिसके खिलाफ यह पार्टी पिछले कई सालों से लगातार आंदोलन चला रही है।
पाकिस्तान की सत्ता व्यवस्था पर अत्याचार के बाद इस पार्टी के नेता अल्ताफ हुसैन देश छोडक़र लंदन में बस गए हैं और अब वहीं से संगठन चला रहे हैं। कराची पुलिस का दावा है कि पार्टी नेताओं के निर्देश पर शहजाद ने 1994 में एक गिरोह बनाया और पुलिस और अन्य अधिकारियों को मारना शुरू कर दिया। जब पुलिस ने इसके खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू किया, तो उसे चुपके से देश से हटाकर अफ्रीका भेज दिया गया।
पाकिस्तानी पुलिस के मुताबिक इसके बाद खाज्जी अफ्रीका से भारत पहुंचा. जहां उन्हें रॉ द्वारा विभिन्न हथियारों को संचालित करने का प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद खाज्जी फिर पाकिस्तान लौट गए। बताया जाता है कि वापस आने के बाद उसने गैंग बना लिया और फिर से पाकिस्तान के अफसरों की हत्या करने लगा। इस बीच खुफिया सूचना मिलने पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही पुलिस ने 28 मई को इमरान और नईम नाम के दो और एमक्यूएम कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। दावा किया कि ये दोनों रॉ के हिटमैन भी थे और देश की मशहूर हस्तियों को मारने की कोशिश कर रहे थे।
रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस अब इस मामले में 2 मुहाजिर नेताओं से पूछताछ कर रही है. इनमें डॉ फारूक सत्तार एमक्यूएम-पाकिस्तान की ऑर्गनाइजेशन रिस्टोरेशन कमेटी (ओआरसी) से जुड़े हैं। वहीं अनीस एडवोकेट पाक सरजमीन पार्टी (पीएसपी) के अध्यक्ष हैं। पाकिस्तान के काउंटर टेररिस्ट डिपार्टमेंट ने दोनों नेताओं को एक बार बुलाकर पूछताछ की है।
दोनों नेताओं ने सीटीडी की इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उनके मूल के कारण उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। गिरफ्तार लोगों के साथ फोटो होने के आधार पर उन्हें बुलाया गया और कई घंटों तक पूछताछ की गई लेकिन इस मामले में सिंध के सीएम मुराद अली शाह को भी कोई समन नहीं दिया गया क्योंकि वह सिंधी हैं और पाकिस्तान के मूल निवासी हैं। दोनों नेताओं का कहना है कि मुहाजिरों के शोषण की यह कोई नई कहानी नहीं है। अतीत में इसी तरह की कहानियां रचकर लोगों का शोषण किया गया है।

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