एलजेपी में फूट और यूपी चुनाव के मद्देनजर होगा मोदी कैबिनेट का विस्तार

नई दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी की लड़ाई अब चुनाव आयोग तक पहुंच गई है। चिराग पासवान और पशुपति पारस अपने-अपने तरीके से पार्टी पर अपना अधिकार जता रहे हैं। इसी बीच पशुपति पारस पटना से दिल्ली पहुंचे और अपने आवास पर अपने गुट के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। दिल्ली पहुंचने पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि चिराग पासवान अब पार्टी के अध्यक्ष नहीं हैं इसलिए उन्हें बैठक बुलाने का अधिकार नहीं है। सूत्रों की माने तो लोजपा की अंदरूनी लड़ाई को आगामी केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार से जोड़ा जा रहा है। फिलहाल कैबिनेट में शामिल होने की संभावना पर पशुपति का कहना है कि यह पीएम का विशेषाधिकार है।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने दूसरे कार्यकाल का पहला कैबिनेट का विस्तार करना है। जिसके लिए एक हफ्ते पहले पीएम आवास पर एक के बाद एक कई बैठकें की गईं। जिसमें पीएम ने मंत्रियों के काम की समीक्षा की। सूत्रों की मानें तो बिहार की दोनों पार्टियों जदयू और लोजपा को अगले कैबिनेट में जगह मिल सकती है। माना जाता है कि कैबिनेट में जगह पाने के लिए पशुपति और चिराग पासवान के बीच दूरियां बढ़ गईं और पार्टी में फूट की स्थिति बन गई। इतना ही नहीं बिहार में पिछले विधानसभा चुनाव में जिस तरह से नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच तनातनी बढ़ी, उसे भी इस घटनाक्रम का एक कारण माना जा रहा है।
लोजपा की अंदरूनी लड़ाई के बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की कवायद तेज हो गई है। सूत्रों की माने तो मोदी सरकार ने पहले कैबिनेट विस्तार की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। यह किसी भी समय बढ़ाया जा सकता है। सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पहला विस्तार व्यापक होने की संभावना है। मौजूदा कैबिनेट से कई लोगों को संगठन में भेजा जा सकता है। जबकि कैबिनेट में कई नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है। कैबिनेट में क्षेत्रीय दलों को समायोजित करने की भी तैयारी है। इस माह के अंत में कभी भी विस्तार हो सकता है।
वहीं दूसरी ओर अगले साल उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने कमर कसनी शुरू कर दी है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, राजधानी दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं ने यूपी में संगठन को मजबूत करने को लेकर चर्चा की। इस संबंध में यूपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और बीएल संतोष ने जेपी नड्डा से मुलाकात की।
इस दौरान प्रदेश भाजपा में युवा मोर्चा और महिला मोर्चा के पदों को भरने पर सहमति बनी। इस दौरान निर्णय लिया गया कि आयोग व अन्य पद भी भरे जाएंगे। पिछड़ा वर्ग आयोग और एससीएसटी आयोग में नियुक्तियां हो चुकी हैं। जिला पंचायत चुनाव खत्म होने के बाद संगठन का विस्तार किया जाएगा।
यह भी कहा जा रहा है कि योगी मंत्रिमंडल का विस्तार फिलहाल नहीं किया जाएगा। पीएम के विश्वासपात्र एके शर्मा को अभी तक सरकार या संगठन में पद की पेशकश नहीं की गई है। इसके साथ ही मोदी मंत्रिमंडल विस्तार में यूपी से एक दलित सांसद को मंत्री बनाने पर सहमति बनी है। जाट नेता को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने की चर्चा यूपी में तेज है। सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों को भी अपने प्रभारी क्षेत्र में अधिक से अधिक समय समर्पित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा सरकार की उपलब्धियों की जानकारी भी सामने लाने के निर्देश दिए गए हैं।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष एक बार फिर यूपी दौरे पर आ रहे हैं। बीएल संतोष 21-22 जून को दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह पार्टी पदाधिकारियों और मंत्रियों से मुलाकात कर यूपी में चुनाव की तैयारियों पर चर्चा करेंगे।

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