सपा ने हमसे वोट नहीं मांगा इसलिए मुर्मू का किया समर्थन : राजभर

  • अखिलेश यादव से नाराजगी बढ़ती ही जा रही राजभर की

लखनऊ। सुहेलदेव भारत समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की अखिलेश यादव से नाराजगी की एक और वजह सामने आई है। अब उन्होंने साफ तौर पर जयंत चौधरी को राज्यसभा में भेजे जाने का उल्लेख करते हुए कहा है कि सपा को गठबंधन धर्म का निर्वहन करते हुए एमएलसी की कम से कम एक सीट सुभासपा को दी जानी चाहिए थी। ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि जयंत चौधरी तो राज्यसभा पहुंच गए लेकिन उन्होंने क्या कभी अखिलेश यादव से यह बात की कि आठ सीट जीतने पर हमें तो राज्यसभा भेज रहे हैं। लेकिन विधान परिषद की एक सीट गठबंधन धर्म निभाते हुए सुभासपा को दे दी जाए। ओमप्रकाश ने कहा कि जयंत चौधरी अपने राज्यसभा में जाने को लेकर खुश हो गए लेकिन कम से कम अपने छोटे भाई की भी चिंता करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा समाजवादी पार्टी सिर्फ भाजपा का डर दिखाकर जिंदा है। ये लोग मुसलमानों को डर दिखाते हैं भाजपा का, लेकिन अब मुसलमान भी इस बात को समझ रहा है। राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि सपा ने हमसे वोट मांगा ही नहीं। द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समाज की हैं। हम अंबेडकरवादी है इसलिए उनका समर्थन किया। सपा के खिलाफ लगातार बोल रहे ओमप्रकाश राजभर के बारे में चर्चा है कि उनकी सीट 11 अगस्त को होने वाले एमएलसी चुनाव पर है। बता दें कि 11 अगस्त को दो एमएलसी सीटों पर मतदान होना है। इसके अलावा राज्यपाल के मनोनयन से छह सीटें भरी जानी हैं। माना जा रहा है कि जिन दो सीटों पर मतदान होगा उन पर बीजेपी की जीत तय है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि ओमप्रकाश राजभर को एनडीए के एक सहयोगी दल के नेता से इसे लेकर सकारात्मक संकेत मिले हैं। फिलहाल सपा गठबंधन में बने रहने का दावा करने वाले राजभर आने वाले दिनों में ओमप्रकाश अपने पत्ते खोल सकते हैं।

एमएसपी पर किसान और सरकार फिर आमने-सामने

लखनऊ। किसान संगठन और सरकार की रार फिर बढ़ने लगी है। संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार की तरफ से एमएसपी और अन्य मुद्ïदों के लिए बनाई गई समिति को खारिज कर दिया है। मोर्चा ने तय किया है कि समिति के लिए कोई प्रतिनिधि नहीं भेजेगा। पीएम मोदी ने 19 नवंबर को तीनों कृषि कानून वापस ले लिया था। उसके बाद एमएसपी और किसानों की बाकी मांगों को लेकर कमेटी बनाने की मांग हुई थी। मोर्चा के कोर कमेटी के डॉ दर्शन पाल, हन्नान मोल्ला, जोगिंदर सिंह उगराहां, युद्धवीर सिंह और योगेंद्र यादव ने सार्वजनिक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सरकार की भूमिका पर लोगों पहले ही संदेह था। इससे पहले 3 जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा की राष्टï्रीय बैठक में फैसला किया गया था कि जब तक सरकार इस समिति के अधिकार क्षेत्र और टर्म्स ऑफ रेफरेंस स्पष्ट नहीं करती तब तक इस कमिटी में संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि का नामांकन करने का औचित्य नहीं है। सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन से इस कमेटी के बारे में संयुक्त किसान मोर्चा के सभी संदेह सच निकले हैं। जाहिर है ऐसी किसान-विरोधी और अर्थहीन कमेटी में संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि भेजने का कोई औचित्य नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा ने आरोप लगाया है कि कमेटी में संयुक्त किसान मोर्चा के 3 प्रतिनिधियों के लिए जगह छोड़ी गई है। लेकिन बाकी स्थानों में किसान नेताओं के नाम पर सरकार ने अपने 5 लोगों को जगह दी है। इन सभी लोगों ने खुलकर तीनों किसान विरोधी कानूनों की वकालत की थी।

शिया इंटर कॉलेज में गुणवत्तापरक शिक्षा पर वक्ताओं ने किया मंथन

लखनऊ। राजधानी के शिया इंटर कॉलेज में बजमे दीनीयात संस्था की ओर से ईद ए गदीर के मौके पर हजरत अली अलैहस्लाम की शान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ फखरे मिल्लत एवं मजलिसे उल्लमा के सचिव, शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव डॉ यासूब अब्बास एवं प्रधानाचार्य हसन सईद नकवी ने किया। इस मौके पर डॉ यासूब अब्बास ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी दौलत शिक्षा है। इसे जरूर ग्रहण करनी चाहिए। गुणवत्तापरक शिक्षा ग्रहण करने से समाज में उजियारा फैलता है। अपने बच्चों को अच्छी तालीम दें ताकि वे खुदा के बताए रास्तों पर चल सके। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में शिया कॉलेज बोर्ड के अध्यक्ष प्रोफेसर अजीज हैदर मेंबर समीउल हसन तकवी, मौलाना जहीर इफ्तेखारी, मैनेजर अब्बास मुर्तजा शमसी, परशियन विभाग के हेड डॉ मौलाना एजाज अथर, एवं डॉ शबी रजा मौजूद थे। संचालन सय्यद एहसन अफरोज ने किया। इस कार्यक्रम में कॉलेज के अध्यापक गण में शाहिद हुसैन रिजवी, मेहंदी अब्बास शमसी, प्रवक्ता डॉ जावेद हुसैन, हुसैन रजा, इकबाल मिर्जा, फरीद रजा, हिलाल अब्बास, मोहम्मद सईद एवं इंडिपेंडेंट वॉइस के संपादक एवं प्रवक्ता डॉ. हसन परवेज जैदी उपस्थित थे।

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