भ्रष्टाचार का दलदल बना लखनऊ नगर निगम, सीवर में उतरने से दो लोगों की मौत पर भी नहीं असर अफसरों पर

बिना सुरक्षा उपकरणों के सीवर में जबरन उतार दिया कर्मियों को

  • दागी कंपनियों को कमीशन के कारण मिलता है काम
  • कोरोना काल में लाशों के अंतिम संस्कार को आयी लकड़ी से जला दिये थे राजभवन में अलाव
  • नगर आयुक्त पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप मगर नहीं होती कोई कार्रवाई

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। लखनऊ नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार और कमीशनबाजी ने दो सफाई कर्मियों की जान ले ली जबकि एक अन्य अस्पताल में जिंदगी-मौत से जूझ रहा है। यह दुर्घटना तब घटी जब कल एक निजी कंपनी ने बिना किसी सुरक्षा उपकरणों के तीन सफाई कर्मियों को मैनहोल में जबरन उतार दिया। इसके पहले भी ऐसी दुर्घटनाएं हुई हैं लेकिन अफसरों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। वे बस कमीशनबाजी के चक्कर में दागी कपंनियों को काम देकर अपनी जेबें गर्म करते हैं । भ्रष्टाचार का आलम यह है कि अलाव का बजट पास होने के बावजूद कोरोना काल में लाशों के अंतिम संस्कार के लिए आयी लकड़ी को राजभवन में जलाने के लिए भेज दिया गया था। नगर आयुक्त पर भी भ्रष्टाचार  के  गंभीर आरोप लगे लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं विपक्ष ने इस मामले पर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है।
सीवर सफाई के दौरान दो संविदा कर्मियों की मौत ने नगर निगम के भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है। सूत्रों का कहना है कि कमीशन के आधार पर दागी कंपनियों को काम दिया जाता है और ये अपनी मनमानी करती हैं। बिना सुरक्षा उपकरणों के संविदा कर्मियों को सीवर लाइन में उतारा जा रहा है। इसके पहले 2018 में इंदिरानगर क्षेत्र के पिकनिक स्पॉट रोड पर सीवर लाइन की सफाई के दौरान मजदूर जलील की मौत हो गयी थी जबकि 2019 में चिनहट में सीवर चेंबर की सफाई के लिए उतरे दो युवकों की मौत हुई थी लेकिन निगम के अफसरों पर असर नहीं पड़ा और कमीशन के चलते कंपनियों को मनमानी की छूट दे दी गई। वहीं इस मामले में कंपनी और सुपरवाइजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है।


क्या है मामला

सआदतगंज के अंबरगंज इलाके में गुलाब नगर माबिया मस्जिद के पास सीवर चैंबर की सफाई के लिए कल शासन से नियुक्त कंपनी शुएज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की टीम पहुंची थी। इसमें संविदा कर्मी पूरन, कैलाश व करन बिना किसी सुरक्षा उपकरणों के सीवर लाइन में उतरे थे। वे जहरीली गैस की चपेट में आ गए। कैलाश को किसी तरह निकाला गया जबकि पूरन और करन सीवर लाइन के भीतर ही गिरकर बेहोश हो गए। एक घंटे बाद दोनों को निकालकर ट्रामा सेंटर पहुंचाया गया जहां करन और पूरन को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया गया।

क्या कहते हैं नियम

मैनुअल स्कैवेंजिंग एक्ट 2013 के तहत सीवर में सफाई के लिए किसी भी व्यक्ति को उतारना पूरी तरह गैर-कानूनी है। एक्ट में इस पर रोक का प्रावधान है। किसी खास स्थिति में अगर व्यक्ति को सीवर में उतारना ही पड़ जाए तो उसके लिए कई तरह के नियमों का पालन जरूरी है। मसलन, जो व्यक्ति सीवर की सफाई के लिए उतर रहा है, उसे ऑक्सीजन सिलेंडर, स्पेशल सूट, मास्क, सेफ्टी उपकरण इत्यादि देना जरूरी है लेकिन इन नियमों को पालन नगर निगम व कंपनियां नहीं करती हैं।

पीडि़त परिवार से मिलीं मेयर

मेयर संयुक्ता भाटिया ने पीडि़त परिवारों को 20-20 लाख रुपये मुआवजा व आउटसोर्सिंग कंपनी में परिवार के एक-एक सदस्य को नौकरी दिलाने की घोषणा की।

सरकार ने तलब की रिपोर्ट

नगर विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव रजनीश दुबे ने डीएम रायबरेली व लखनऊ के नगर आयुक्त से घटना की रिपोर्ट मांगी है। सफाई के दौरान निकली जहरीली गैसों की वजह से रायबरेली और लखनऊ में दो-दो मजदूरों की मौत हो गई है।

सुप्रीम कोर्ट भी सरकार को लगा चुका है फटकार

सुप्रीम कोर्ट भी केंद्र सरकार को फटकार लगा चुका है। अदालत ने तब कहा था कि कोई भी देश अपने लोगों को मरने के लिए गैस चैंबर में नहीं भेजता। आजादी के इतने साल बाद भी मैनुअल स्कैवेंजिंग जारी है। यह दिखाता है कि देश में भेदभाव बना हुआ है। सभी बराबर हैं लेकिन सरकारें बराबर सुविधाएं नहीं दे रही हैं।

रायबरेली में भी हादसा दो की जान गई

रायबरेली में भी बिना सुरक्षा उपकरण सीवर टैंक के मेन होल की सफाई करने उतरे संजू नागर व जोगेशर की दम घुटने से मौत हो गई। ये मजदूर तोमर कंस्ट्रक्शन कंपनी में ठेके पर काम करते थे। यह कंपनी अमृत योजना के तहत शहर में सीवर पाइपलाइन डलवा रही है। मामले में कंपनी के प्रोपराइटर नरेंद्र तोमर और ठेकेदार शेर सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं।

सैकड़ों कर्मचारियों की हो चुकी है मौत

बीते कुछ सालों में मैनुअल स्कैवेंजिंग यानी हाथ से नालों की सफाई करते हुए सैकड़ों लोगों ने जान गंवाई है। 2020 में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की संस्था राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग ने डराने वाले आंकड़े बताए थे। उसमें कहा गया था कि 2010 से मार्च 2020 तक सीवर सफाई के दौरान 631 लोगों की मौत हुई। 2019 में सीवर की सफाई के दौरान 110 लोगों ने जान गंवाई। इसी तरह 2018 में 68 और 2017 में 193 मौतें हुईं।

घटना बेहद दुखद है। लोगों की जान से खिलवाड़ करने की दोषी कंपनी और अधिकारियों के खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए ताकि आगे से इस प्रकार की घटनाओं पर लगाम लगे।
अब्दुल हफीज गांधी, प्रवक्ता, सपा

यह घटना भाजपा सरकार में नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करती है। नगर निगम को जनहानि नहीं बल्कि कंपनियों की कमाई की चिंता है। सरकार को दोषी कंपनी के खिलाफ तत्काल कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।
सुरेंद्र राजपूत, प्रवक्ता, कांग्रेस

बिना सुरक्षा उपकरणों के सीवर की सफाई कराना मानव अधिकारों के खिलाफ है। भ्रष्टाचार में लिप्त नगर निगम और कंपनियों को लोगों की जान की परवाह नहीं है। अफसरों को कमीशन और कंपनियों को मुनाफे की चिंता है। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो।
अनुपम मिश्रा, राष्ट्रीय संयोजक टीम आरएलडी

 

यूपी बोर्ड: अंग्रेजी का पेपर लीक, 24 जिलों में परीक्षा रद्द

  • बाकी जनपदों में समय से होगी परीक्षा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी बोर्ड की 12वीं का अंग्रेजी का पेपर लीक होने से 24 जिलों में परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया गया है। यह परीक्षा आज दोपहर दो बजे आयोजित होने वाली थी। परीक्षा रद्द होने के बाद अगली तारीख का ऐलान अभी नहीं हुआ है। वहीं बलिया के जिला विद्यालय निरीक्षक ब्रजेश कुमार मिश्रा को निलंबित किया गया। विभाग की मंत्री गुलाब देवी के निर्देश पर पेपर लीक प्रकरण में डीआईओएस को निलंबित किया गया है। शेष जिलों में समय से परीक्षा होगी।
जिन जिलों में परीक्षा रद्द की गई है, उनमें बलिया, एटा, बागपत, बदायूं, सीतापुर, कानपुर देहात, ललितपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़, गोंडा, आजमगढ़, आगरा, वाराणसी, मैनपुरी, मथुरा, अलीगढ़, गाजियाबाद, शामली, शाहजहांपुर, उन्नाव, जालौन, महोबा, आंबेडकरनगर और गोरखपुर शामिल हैं।

अब बसपा नेता के अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर, हडक़ंप

  • नोटिस जारी करने के बाद की गयी कार्रवाई

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार का दूसरी बार गठन होने के बाद एक बार फिर अवैध कब्जे पर ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू हो गई है। आज एलडीए (लखनऊ विकास प्राधिकरण) ने बसपा नेता फहाद व सपा के विधायक शाहिद मसूद हसन के भतीजे के अवैध निर्माण को बुलडोजर से ढहा दिया गया।
हजरतगंज के बालू अड्डा में एलडीए की टीम ने बसपा नेता फहाद व याजदान बिल्डर की 50 करोड़ की अवैध इमारत को ढहाने की कार्रवाई शुरू कर दी। कार्रवाई से हंगामा मच गया। मामले में कई बार नोटिस जारी किया जा चुका है पर कोई जवाब नहीं मिला। जिसके बाद कार्रवाई शुरू की गई है।

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