कोरोना काल: बकरीद पर मस्जिदों में आने वाले लोगों पर रहेगी ड्रोन की नजर

संवेदनशील इलाकों में पुलिस रखेगी निगरानी
मस्जिद या ईदगाह की बजाय घर में ही नमाज अदा करने की अपील
त्योहार के लिए ऑनलाइन कर सकते हैं खरीदारी
पुलिस कराएगी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। योगी सरकार ने बकरीद पर लोगों से घरों में रहकर पर्व को सादगी से मनाने की अपील की है। बकरीद पर मस्जिद या ईदगाह के बजाय घर में रहकर ही नमाज पढऩे के लिए कहा है। साथ ही भीड़ इकट्ïठा करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। इस बार मस्जिदों के बाहर तीसरी आंख का पहरा रहेगा। यूपी सरकार ने यह निर्णय इस बार कोरोना वैश्विक महामारी को लेकर लिया है। सीएम योगी ने प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों पर भीड़ न इकट्ठा होने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही कहा कि इस बार ड्रोन की सहायता से निगरानी रखी जाएगी। संवेदनशील इलाकों पर कड़ी निगरानी होगी। बकरीद (ईद उल-अजहा) एक अगस्त को पूरे देश में मनाई जाएगी। संक्रमण काल में लोग बकरों की ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हैं।
कोरोना महामारी की वजह से प्रदेश में पहले से ही सभी तरह के धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगी हुई है। इस बार बकरीद साधारण तरीके से ही मनाई जाएगी। सरकार की गाइडलाइन के अनुसार खुले स्थानों पर कुर्बानी और गैर मुस्लिम इलाकों से खुले रूप में मांस ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा। कुर्बानी के दौरान गोवंश हत्या से पहले भी सांप्रदायिक तनाव की कई घटनाएं हो चुकी है इसलिए इस पर खास ध्यान रखा जाएगा। भडक़ाऊ कृत्य करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। यूपी सरकार ने कोरोना से बिगड़ते हालातों पर रोक लगाने के लिए इस बकरीद पर्व पर सख्ती बरतने के आदेश दिए हैं। प्रदेश में अब तक कोरोना के मरीजों की कुल संख्या 74,128 से अधिक हो गई है जबकि एक्टिव केसों की संख्या 27,934 हो गई है। वहीं बीते 24 घंटे में कोरोना के रिकॉर्ड 3490 केस आ चुके हैं और यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। अब तक 1500 लोगों की जान जा चुकी हैं।

भीड़ पर पाबंदी

भीड़ इकट्ठी होने से कम्युनिटी स्प्रेड हो सकता है जिसे ध्यान में रखते हुए यूपी सरकार ने इस पर पाबंदी लगा दी है। यूपी सरकार ने पुलिस विभाग को आदेश दिए हैं कि वह लाउडस्पीकर से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराए। साथ ही लोगों को घरों से बाहर न निकलने दें और भीड़ भी एकत्र न होने दें।

गलत सूचना देने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई

गलत सूचनाएं वायरल करने वालों पर सोशल मीडिया के जरिए नजर रखी जाएगी। प्रदेश में सभी थाना प्रभारी और सीओ छोटी-छोटी घटनाओं की जानकारी रखेंगे। प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी की अफवाहों से इलाकों में तनाव पैदा हो जाता है। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। व्हाटï्सअप पर भी अफवाह न फैलाएं।

बलिदान को दर्शाता है यह त्यौहार

बाराबंकी के टिकैतगंज निवासी नफीस कहते है कि पवित्र त्यौहार ईद-उल-अजहा का बेसब्री से इंतजार हैं। ये दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि इस दिन पारंपरिक आयोजनों के साथ परिवार के साथ मेल-मिलाप सबसे अच्छा लगता है। जब फैमिली एक साथ इकट्ïठा होती है तो अपनापन लगता है। लगता ही नहीं हम इस परिवार का हिस्सा है। शाम को नमाज पढऩे के बाद सभी अल्लाह को शुक्रिया अदा करते हैं। दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं और स्वादिष्ट पकवान खाते हैं। यह त्यौहार बलिदान का प्रतीक है। इसलिए हमारे संप्रदाय के लोग इस दिन अल्लाह के नाम बकरी या भेड़ की बलि चढ़ाते हैं। गरीबों में कपड़े, भोजन और नेक बांटने से घर-परिवार में बरकत होती है।

मास्क में अल्लाह का संदेश- ईद मुबारक

मेडहाउस की ऑनर शगुन वर्मा बताती है कि तहजीब और आदाब को ध्यान में रखते हुए ईद की तरह इस बकरीद पर भी मुबारकवाद मास्क बनाए हैं। इन मास्क में अल्लाह का संदेश है। ईद मुबारक। संक्रमण काल में लोगों को दो गज की दूरी का पालन करना है। एक-दूसरे से हाथ भी नहीं मिलाना है। ऐसे में लोग इन फेसमास्क का उपयोग कर सकते हैं। इस पर लिखा मुबारकवाद एक-दूसरे के प्रति खुशियां पैदा करेगा। दूरियों में अपनापन लाएगा। खासकर पुराने लखनऊ के वाशिंदों को ईद मुबारक के मास्क खूब पसंद आ रहे है। चौक में तो भारी डिमांड है। मास्क फैशनेबुल भी है। हर कलर में उपलब्ध हैं। बकरीद पर काम्बो पैकेज है, जिनमें फैमिली के हिसाब से मास्क हैं। बाजार की अपेक्षा कीमत कम ही रखी है। शगुन बताती है कि इस ईद पर मौलाना खालिद रसीद ने हमारे बनाए गए मास्क बहुत पसंद किए। उन्होंने लॉकडाउन में हमारा मास्क लगाकर चांद भी देखा था।

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