पूरी दुनिया में है महंगाई, जनता को देना होगा सहयोग : राजनाथ

  • पीएम मोदी ने महंगाई पर लगा रखा है लगाम
  • छोटी-छोटी समितियां बनाएं और क्षेत्र की समस्याएं दूर करें

लखनऊ। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कोविड और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण एक जगह से दूसरे स्थान पर सामान आने-जाने में दिक्कत आई। इससे सप्लाई चेन जितने आराम से चलनी चाहिए थी, वह नहीं चली। इसके कारण महंगाई आई। सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में महंगाई आई है। ऐसे में जनता को सहयोग करना होगा, ताकि इससे निकला जा सके। राजनाथ ने लखनऊ में कहा कि अर्थव्यवस्था के मामले में सबसे अच्छे माने जाने वाले अमेरिका में 40 वर्षों की सबसे अधिक महंगाई है। ऐसे में यह एक बड़ी चुनौती के साथ संकट भी है। इसलिए इस संकट से उबरने में सभी को सहयोग करना होगा। पीएम मोदी ने इस संकट की घड़ी में भी मोर्चा संभाला और महंगाई को बहुत बढ़ने नहीं दिया। महंगाई के बावजूद कारोबार में तेजी है, जिसके चलते जीएसटी के रूप में कई करोड़ रुपये जमा हुए हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि पीएम मोदी इस उम्र में भी 18 घंटे काम करते हैं और समाज के अंतिम व्यक्ति तक के लिए चिंता करते हैं। बताया कि भ्रष्टाचार कम करने के लिए जनधन खाते खोले गए। किसान सम्मान निधि व सरकार की अन्य योजनाओं का पैसा सीधे लोगों के एकाउंट में आया। डिजिटल इंडिया का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार में एक भिखारी क्यूआर कोड बनवाकर भीख ले रहा था। रक्षामंत्री ने कहा कि अपने क्षेत्र की समस्याएं दूर करने के लिए समितियां बनाएं। ऐसा छोटे-छोटे इलाकों में भी हो, ताकि परेशानियां दूर होने के साथ आपकी आवाज को ऊपर तक पहुंचाया जा सके।

जनता का भरोसा बनाए रखना नेताओं की चुनौती
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में नेताओं की कथनी और करनी में फर्कर् आया है। इससे जनता में उनके प्रति विश्वास कम हुआ है। ऐसे में राजनीतिक क्षेत्र में काम करने वालों को प्रयत्न जरूर करना चाहिए, ताकि जनता का भरोसा बना रहे। रक्षामंत्री ने कहा कि अंतरराष्टï्रीय जगत में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। अब विश्व हमारी बातों को गंभीरता से लेता है। रूस-यूक्रेन संकट में भारत ने बिना किसी के दबाव में आए तटस्थ नीति को अपनाया। रक्षामंत्री ने बताया कि पीएम ने रक्षा क्षेत्र के उपकरण खरीदने के लिए 85 हजार करोड़ का बजट रखा है।

ब्रजेश पाठक ने आगरा के अस्पतालों में मारे छापे

लखनऊ। प्रदेश के डिप्टी सीएम स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सजग है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कल देर शाम मथुरा से लौटते समय आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी का निरीक्षण किया। बाहर बैठे मरीजों और तीमारदारों से बातचीत की। जगदीशपुरा निवासी मरीज महेश शर्मा ने अपने पैर में सूजन दिखाते हुए बताया कि उसे बृहस्पतिवार को भर्ती किया गया था और शुक्रवार को डिस्चार्ज कर दिया गया। अब उसे भर्ती नहीं किया जा रहा है, जबकि उसे आराम नहीं मिला है। उपमुख्यमंत्री ने मरीजों को दोबारा भर्ती करवाया। उन्होंने मेडिकल कॉलेज में व्यवस्थाएं सुधारने और सुविधाएं विकसित करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी दिए। जगदीशपुरा के मरीज महेश शर्मा को भर्ती न करने का कारण पूछने पर इमरजेंसी मेडिसिन इंचार्ज डॉ. चंद्रप्रकाश ने बताया कि मरीज को क्रोनिक अल्कोहलिक लिवर डिजीज है। इसमें लंबे समय तक दवाएं लेनी होती है, मरीज घर पर दवाएं ले सकता है, इसलिए डिस्चार्ज कर दिया था। उन्होंने मरीज को फिर से भर्ती करा दिया।

उपमुख्यमंत्री एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में उतरते ही बाहर बैठे एक व्यक्ति से पूछा कैसे बैठे हो। उसने कहा कि 11 बजे से बैठा है, उसका जवाब समझ में नहीं आया तो उन्होंने मरीज समझकर जोर से कहा कि कोई डॉक्टर है, इस पर पास में खड़े मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रशांत गुप्ता आ गए। उन्होंने पूछा तो पता चला कि वह तीमारदार है, मरीज भर्ती है। तीमारदार से फिर से पूछा कि मरीज का ठीक से इलाज हो रहा है, दवाएं मिल रही हैं, तीमारदार जवाब नहीं पा रहा था तो प्राचार्य ने बताया कि इलाज चल रहा है।

मरीजों से पूछा- इलाज मिल रहा है या नहीं
अस्पताल के बाहर खड़े तीमारदारों से पूछा कि मरीजों को इलाज मिल रहा है कि नहीं? तीमारदारों ने संतोषजनक जवाब दिया। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता के साथ इमरजेंसी के ट्राएज एरिया में पहुंचे। 17 मरीज भर्ती थे, उनके इलाज और दवाओं के बारे में पूछा। इमरजेंसी से बाहर सीवर का काम चल रहा था, प्राचार्य ने बताया कि सीवर की समस्या थी, उसका निस्तारण कराया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने व्यवस्थाएं सुधारने और एसएन में सुधार के लिए प्रस्ताव देने के लिए कहा। उपमुख्यमंत्री ने इमरजेंसी के निरीक्षण के दौरानकहा कि बुजुर्गों के लिए अलग काउंटर होना चाहिए।

फटा कपड़ा हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं : तीरथ

देहरादून। फटी जींस वाले बयान पर काफी आलोचना झेलने वाले गढ़वाल सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अपने पुराने बयान पर कायम हैं। उनका कहना है कि फटा हुआ कपड़ा कभी भी हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं रहा है। उन्होंने जींस का विरोध नहीं किया था, बल्कि फटी जींस पर एतराज किया था। मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए तीरथ सिंह रावत ने मार्च 2021 में बाल संरक्षण अधिकार आयोग की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बयान दिया था कि आजकल के बच्चे बाजार में घुटनों पर फटी जींस खरीदने जाते हैं। श्रीनगर में एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे रावत ने एक बार फिर फटी जींस का मसला उठाया। उन्होंने कहा कि विदेशी लोग हमारी संस्कृति को अपना रहे हैं और हम पाश्चात्य संस्कृति का अंधा अनुकरण करते हुए फटी जींस पहन रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह फटी जींस संबंधी अपने पुराने बयान पर कायम हैं। सोशल मीडिया पर उन्हें समर्थन में संदेश मिले। उन्होंने कहा कि जब हम स्कूल-कॉलेज जाते थे, तो हम भी जींस पहनते थे। यदि कभी घुटना फट गया, तो उस पर पैच लगाते थे।

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