यूपी में आबादी नियंत्रित करने को लागू होगी नई जनसंख्या नीति

  •  प्रदेश की निवर्तमान जनसंख्या नीति 2000-16 की अवधि समाप्त

लखनऊ। आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में जनसंख्या को स्थिर करने के लिए योगी सरकार नई जनसंख्या नीति घोषित करने जा रही है। वर्ष 2021-30 की अवधि के लिए प्रस्तावित नई जनसंख्या नीति को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर जारी करेंगे। नई जनसंख्या नीति के माध्यम से परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढ़ाने और सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था देने की कोशिश होगी। वहीं उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से नवजात मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर को कम करने के प्रयास भी किए जाएंगे। प्रदेश की निवर्तमान जनसंख्या नीति 2000-16 की अवधि समाप्त हो चुकी है। मुख्यमंत्री के सामने नई जनसंख्या नीति का प्रस्तुतीकरण हुआ। प्रस्तुतीकरण के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए जनसंख्या वृद्धि दर को नियंत्रित करना जरूरी है। जनसंख्या को नियंत्रित करके ही प्रदेश के सभी नागरिकों को बेहतर सुविधाएं दी जा सकती हैं। नई जनसंख्या नीति में 11 से 19 वर्ष के किशोरों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन के अलावा बुजुर्गों की देखभाल के लिए व्यापक व्यवस्था करना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि नई नीति तैयार करते हुए सभी समुदायों में जनसांख्यिकीय संतुलन बनाये रखने, उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं की सहज उपलब्धता, समुचित पोषण के माध्यम से मातृ-शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर तक लाने का प्रयास होना चाहिए।

जल्द जारी होगी सर्वेक्षण रिपोर्ट

राष्टï्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-05 की रिपोर्ट जल्द ही जारी होने वाली है। नई नीति जनसंख्या को स्थिर करने के प्रयासों को तेज करेगी। इसमें वर्ष 2026 और 2030 तक के लिए दो चरणों में अलग-अलग मानकों पर केंद्रित लक्ष्य तय किये गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आबादी बढ़ने के पीछे गरीबी और अशिक्षा बड़े कारक हैं। कुछ समुदायों में भी जनसंख्या को लेकर जागरूकता का अभाव है। जागरुकता प्रयासों के क्रम में उन्होंने स्कूलों में हेल्थ क्लब बनाने का निर्देश दिया।

फायदे में रहेंगे दो बच्चे वाले

जनसंख्या नियंत्रण को लेकर एक ओर जहां राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के जरिए लोगों को दो ही बच्चे पैदा करने के लिए जागरूक करने की व्यापक तैयारी की है, वहीं उसे इस संबंध में राज्य विधि आयोग की सिफारिशों का इंतजार है। आयोग, जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून का मसौदा तैयार कर रहा है। सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आयोग इसी माह अपनी संस्तुति रिपोर्ट को अंतिम रूप देते हुए सरकार को सौंप देगा। आयोग ने जो ड्राफ्ट तैयार किया है, उससे साफ है कि अगर सरकार ने उसकी सिफारिशें मानीं तो दो बच्चे वालों को ही तमाम तरह के लाभ व सहूलियतें मिलेंगी।

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