उत्तराखंड में 632 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद

लखनऊ। प्रदेश की पांचवीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव के बाद 632 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या के मुताबिक प्रदेश के जिन केन्द्रों पर शाम पांच बजे तक मतदाता पहुंचे, वहां मतदान शाम पांच बजे के बाद भी जारी रहा। मतदान शांतिपूर्वक हुआ है। विभिन्न मतदान स्थलों से पोलिंग पार्टियां मतदान के बाद वापस लौट आई हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि ईवीएम को जिला मुख्यालयों में बनाए गए स्ट्रांग रूम में कड़ी सुरक्षा में रखा गया है। सभी 13 स्ट्रांग रूम में सीआरपीएफ, स्टेट आर्म्ड पुलिस और राज्य पुलिस की त्रिस्तरीय सुरक्षा है। इसके अलावा पूरे समय ईवीएम पर सीसीटीवी की नजर रहेगी। स्टांग रूम की नियमित जांच होगी। इसकी वीडियोग्राफी भी होगी, जिसका बाहर डिस्पले किया जाएगा।

सीएम योगी के खिलाफ खड़े नौ लोगों के पर्चे खारिज

– गोरखपुर में 32 प्रत्याशियों के पर्चे खारिज

गोरखपुर। विधानसभा चुनाव 2022 के छठे चरण के तहत गोरखपुर के सभी विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशियों द्वारा दाखिल किए गए नामांकन पत्रों की जांच पूरी की जा चुकी है। जांच के दौरान कुल 32 पर्चे निरस्त हुए हैं। 116 प्रत्याशियों के पर्चे वैध पाए गए हैं। सुरक्षित सीटों खजनी एवं बांसगांव में एक भी पर्चा निरस्त नहीं हुआ है। 16 फरवरी को नाम वापस लिए जाएंगे। उसी दिन शाम को यह तय हो जाएगा कि किस विधानसभा क्षेत्र से कितने प्रत्याशी मैदान में हैं। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच नामांकन पत्रों की जांच शुरू हो गई। प्रत्याशियों को भी इस दौरान बुलाया गया था। जांच के दौरान गोरखपुर शहर विधानसभा सीट पर सर्वाधिक 10 प्रत्याशियों के पर्चे अवैध पाए गए। पिपराइच, गोरखपुर ग्रामीण व चौरी चौरा में पांच-पांच पर्चे निरस्त किए गए। कैंपियरगंज में दो, सहजनवा में चार व चिल्लूपार में एक प्रत्याशी का पर्चा खारिज किया गया।

नामांकन पत्रों की जांच के दौरान गोरखपुर शहर से कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी चेतना पांडेय का पर्चा खारिज होने की चर्चा शुरू हो गई। इससे नाराज चेतना पांडेय ने कांग्रेस के महानगर पदाधिकारियों के साथ हंगामा करते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में ही धरना शुरू कर दिया। उप जिला निर्वाचन अधिकारी राजेश कुमार सिंह एवं जिला निर्वाचन अधिकारी विजय किरन आनंद के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ। प्रशासन की ओर से उनका पर्चा स्वीकार किया गया है। चेतना पांडेय का कहना है कि नाम बुलाने पर जब वह नामांकन कक्ष में पहुंची तो बताया गया कि आप देर से आयी हैं इसलिए नामांकन खारिज किया जा रहा है। इस पर चेतना, कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष आशुतोष तिवारी व समर्थक धरने पर बैठ गए। जिला निर्वाचन अधिकारी विजय किरन आनंद का कहना है कि कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी का पर्चा निरस्त करने की घोषणा नहीं हुई थी। प्रत्याशी को कुछ प्रपत्र के साथ बुलाया गया था। उन्हें देर हुई थी लेकिन अनुमति देते हुए पर्चा स्वीकृत कर लिया गया।

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