कश्मीर पर पाकिस्तान की नई चाल के मायने

sanjay sharma

सवाल यह है कि पाकिस्तान कश्मीर पर रोज नई-नई चालें क्यों चल रहा है? धारा 370 के खात्मे पर वैश्विक बिरादरी से मुंह की खाने के बाद भी पाकिस्तान शांत क्यों नहीं हो रहा है? क्या पाकिस्तान, चीन-भारत की तनातनी में कश्मीर मुद्दे को उछाल कर सियासी लाभ लेना चाहता है? क्या कश्मीर में लगातार हो रहे आतंकवादियों के सफाए से पाकिस्तानी सेना, इमरान सरकार और आईएसआई बौखला गई है?

इमरान सरकार ने जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी को पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया है। इसके अलावा वह कश्मीर मुद्दे पर ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन यानी ओआईसी की विदेश मंत्रियों की बैठक बुलाने को लेकर भी अड़ गया और ऐसा न करने पर ओआईसी को तोडऩे की धमकी तक दे दी। सवाल यह है कि पाकिस्तान कश्मीर पर रोज नई-नई चालें क्यों चल रहा है? धारा 370 के खात्मे पर वैश्विक बिरादरी से मुंह की खाने के बाद भी पाकिस्तान शांत क्यों नहीं हो रहा है? क्या पाकिस्तान, चीन-भारत की तनातनी में कश्मीर मुद्दे को उछाल कर सियासी लाभ लेना चाहता है? क्या जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रहे आतंकवादियों के सफाए से पाकिस्तानी सेना, इमरान सरकार और आईएसआई बौखला गई है? क्या इमरान सरकार भ्रष्टïाचार, महंगाई और कोरोना संकट से ध्यान भटकाने के लिए ये सारी पैंतरेबाजी कर रही है? क्या पाकिस्तान को अब पीओके गंवाने का डर लगने लगा है?
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति के बाद भारत-पाक के रिश्ते पूरी तरह खराब हो चुके हैं। सीमा पर अघोषित युद्ध की स्थिति है। पाकिस्तानी सेना लगातार गोलीबारी कर रही है। वह रिहायशी इलाकों को भी निशाना बना रही है। भारतीय सेना द्वारा आतंकवादियों के सफाए से वह बौखला गई है। लिहाजा उसने कश्मीरियों पर पकड़ बनाने के लिए अलगाववादी नेता गिलानी को निशान-ए-पाकिस्तान से नवाजा है। इसके अलावा पाक ने तीन सौ से अधिक आतंकियों को घुसपैठ के लिए तैयार किया है। पाकिस्तान को यह भय सताने लगा है कि भारत पाक अधिकृत कश्मीर पर कभी भी कब्जा कर सकता है। इमरान सरकार ओआईसी के जरिए कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्टï्रीयकरण करने की कोशिश कर रही है। यह दीगर है कि इस चक्कर में सऊदी अरब से उसके संबंध खराब हो गए हैं। उसे न केवल सऊदी अरब को एक अरब डॉलर की अदायगी करनी पड़ी बल्कि सऊदी अरब ने उसके साथ हुआ कर्ज और तेल सप्लाई का समझौता भी रद्द कर दिया है। दरअसल, इमरान सरकार पाकिस्तानी आवाम में महंगाई, भ्रष्टïाचार और कोरोना पर लगाम नहीं लगा पाने के कारण अलोकप्रिय हो चुकी है और अब वह ध्यान भटकाने के लिए इस प्रकार के दांव-पेंच चल रही है लेकिन पाकिस्तान ने जिस गिलानी पर दांव खेला है वह नए कश्मीर में अप्रासंगिक हो चुके हैं। अलगाववादियों को कश्मीर में नकारा जा चुका है और वहां की आवाम विकास के रास्ते पर बढ़ चुकी है। आने वाले दिनों में यहां आतंकियों को स्थानीय स्लीपर सेल भी शायद ही मिल सकें।

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