तीसरी लहर के लिए विशेषज्ञ जाहिर कर रहे अपनी राय

नई दिल्ली। देश में एक बार फिर कोरोना के मामले बढऩे लगे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को माना कि वायरस के में तेजी के संकेत हैं। कोरोना के प्रसार को दिखाने वाली प्रजनन दर आठ राज्यों में एक से अधिक है । यह दर कुछ समय पहले 0.6 तक पहुंच गई थी। अब यह बढक़र 1.2 हो गई है। यह तीन राज्यों में और भी अधिक है।
हालांकि सरकार इसे तीसरी लहर की दस्तक नहीं मान रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल का कहना है कि वैश्विक महामारी अभी दूर है। जहां तक भारत का सवाल है तो कोरोना की दूसरी लहर अभी भी खत्म नहीं हुई है। 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 44 जिलों में 2 अगस्त को समाप्त सप्ताह में कोरोना वायरस की साप्ताहिक संक्रमण दर 10 प्रतिशत से अधिक है ।
साथ ही विशेषज्ञ इसे लेकर अलग-अलग दावे कर रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक अगस्त से अक्टूबर तक देश में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। इस दौरान रोजाना एक लाख कोरोना केस सामने आएंगे। अगस्त में शुरू होने वाली तीसरी लहर अक्टूबर में अपने चरम पर हो सकती है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) हैदराबाद और कानपुर के वैज्ञानिकों ने गणितीय मॉडलों पर आधारित तीसरी लहर की भविष्यवाणी की है। आईआईटी हैदराबाद के मथुमाली विद्यासागर और आईआईटी कानपुर के मनिंदर अग्रवाल का कहना है कि अगस्त में तीसरी लहर तेज होगी। अनुमान है कि चरम स्थिति में संक्रमण के एक लाख मामले रोजाना सामने आ सकते हैं जबकि बदतर स्थिति में रोजाना डेढ़ लाख मामले सामने आ सकते हैं। केरल और महाराष्ट्र में संक्रमण के बढ़ते मामलों से अन्य राज्यों में भी स्थिति और बिगड़ सकती है।
इस मॉडल में तीन प्रकार की शर्तों का वर्णन किया गया था। पहली तीसरी लहर का शिखर अक्टूबर में आएगा । पीक प्रतिदिन 32 लाख मामलों का होगा। दूसरा- नए और अधिक संक्रामक वेरिएंट को ध्यान में रखा गया है। माना जा रहा है कि कोई पाबंदियां नहीं लगाई जाएंगी, फिर सितंबर में चरम की बात सामने आ सकती है। लेकिन इस पर हर दिन 5 लाख मामले तक आ सकते हैं। तीसरा- वायरस के फैलने को रोकने के लिए सख्त प्रतिबंध लगाए गए तो क्या होगा? इसके तहत दूसरी लहर से कमजोर होगी, लेकिन यह भी पहली लहर के दो गुना यानी 2 लाख मामले रोजाना पहुंच जाएगी।
इससे पहले इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने भी अगस्त में ही तीसरी लहर का दावा किया था। बताया गया कि वायरस अपना रूप बदल रहा है। ऐसी स्थिति में प्रतिबंधों को आसान बनाने के कारण एक बार फिर मामले बढ़ जाएंगे। संगठन के डॉ समीरन पंडा ने कहा था कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है तो यह अगस्त के अंत के आसपास कुछ समय आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि तीसरी लहर कब आएगी और कितनी गंभीर हो सकती है, ये सभी सवाल उन परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं जो पूरी तरह से समझ से बाहर हैं।
सरकार के इस दावे पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं क्योंकि देश में तबाही की दूसरी लहर के बाद 19 जुलाई को सबसे कम 29,420 मामले सामने आए थे। इसके बाद से रोजाना के मामलों में उतार-चढ़ाव आते रहे हैं।
देश में सक्रिय मामलों यानी कोरोना संक्रमित इलाज की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। दूसरी लहर के बाद 26 जुलाई को देश में सबसे कम 3.92 लाख सक्रिय मामले सामने आए थे। यह आंकड़ा एक बार फिर 4 लाख को पार कर गया है। पिछले 15 दिनों की बात करें तो 11 दिनों से सक्रिय मामलों में इजाफा हुआ है।
देश की तीसरी लहर की आवाज के पीछे केरल के आंकड़े सबसे बड़ा कारण हैं। पिछले कई दिनों से देश में कुल नए मामलों में से आधे मामले सामने आ रहे हैं। मंगलवार को यहां 23,676 मामले सामने आए। यह 29 मई के बाद एक दिन में संक्रमित की सबसे बड़ी संख्या है ।
देश में दूसरी लहर भी केरल-महाराष्ट्र से शुरू हुई। इस समय भी इन दोनों राज्यों में कोरोना के अधिकतम मामले सामने आ रहे हैं। यही वजह है कि विशेषज्ञ इस बात पर जोर दे रहे हैं कि देश कोरोना की तीसरी लहर से दूर नहीं है ।

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