योगी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार जल्द किसकी होगी छुट््टी, किसको मिलेगा मौका

विधानसभा उपचुनाव निपट जाने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार पर मंथन शुरू

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के आसार अब बढ़ गए हैं। विधानसभा उपचुनाव निपट जाने के बाद अब इसको लेकर मंथन शुरू हो गया है। कोरोना के चलते मंत्रियों की मृत्यु हो जाने के बाद खाली हुए दो स्थान भरे जाने की तैयारी है। इसके अलावा चार स्थान पहले से खाली हैं। माना जा रहा है कि भाजपा सरकार का यह विधानसभा चुनाव से पहले आखिरी बार मंत्रिपरिषद का विस्तार होगा।
इसीलिए इसमें न केवल जातीय समीकरणों के हिसाब से समायोजन होगा, बल्कि क्षेत्रीय असंतुलन दूर करने की कोशिश होगी। प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री चेतन चौहन की कोरोना के चलते मृत्यु हो गई। उपचुनाव में उनकी पत्नी संगीता चौहान जीत गईं। बुलंदशहर में दिवंगत विधायक वीरेंद्र सिंह सिरोही की पत्नी ऊषा सिरोही भी उपचुनाव जीत गईं। इन दोनों में से किसी एक मंत्री बनाया जा सकता है। कल्याण सिंह सरकार में मंत्री रह चुके वीरेंद्र सिंह सिरोही की इस सरकार में भी मंत्री पद के लिए मजबूत दावेदारी थी, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला पाया। इसी सरकार में मंत्री कमल रानी वरुण के निधन के बाद मंत्रिमंडल में महिलाओं की तादाद अपेक्षाकृत कम हो गई है। अब इस संख्या को तीन से बढ़ा कर चार किया जा सकता है।

कुछ मंत्रियों के काम से नाखुश हैं योगी

सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने कुछ मंत्रियों के कामकाज से नाखुश हैं। बताया जा रहा है कि उनकी छुट्टी कर उन्हें संगठन में भेजा जा सकता है। वहीं उम्रदराज मंत्रियों को दूसरी जिम्मेदारी मिल सकती है। युवा विधायकों में कुछ को मौका मिल सकता है ताकि 2022 के विधानसभा चुनाव में वोटरों को जोड़ा सके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल भी वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल, सिंचाई मंत्री धर्मपाल व बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जयसवाल को हटा दिया था। वैसे राजेश अग्रवाल इसी साल भाजपा के राष्टï्रीय कोषाध्यक्ष बना दिए गए। पिछले साल 19 अगस्त को मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल विस्तार किया था। इसमें 18 नए मंत्री शामिल किए गए थे जबकि पांच मंत्रियों को प्रोन्नत किया गया था।

महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा में नहीं होनी चाहिए कोताही : मुख्यमंत्री
महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए चल रहा अभियान

१११ 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी में मिशन शक्ति अभियान के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को महिलाओं की सुरक्षा के प्रति फिर चेताया है। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए अभियान चल रहा है। इसके लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम करें। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। सीएम योगी ने कोरोना वायरस की रिकवरी दर को बेहतर बनाने के लिए इलाज की व्यवस्था को और मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर आयोजित बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। कोरोना की स्थिति की समीक्षा करते हुए उन्होंने त्यौहारों में पूरी सावधानी और सतर्कता बरतने के प्रति लोगों को जागरूक करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली पर्व पर सभी मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इमरजेंसी व्यवस्था को सक्रिय रखें। सभी जिलों को रोजगार का प्लान तैयार करने को कहा गया, जबकि अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त को रोजगार की व्यापक संभावनाओं की दृष्टि से साप्ताहिक समीक्षा करने के भी निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने प्राथमिक विद्यालयों में सर्दी से पहले ही स्वेटर वितरण कराने पर जोर दिया।

१११ 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी में मिशन शक्ति अभियान के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को महिलाओं की सुरक्षा के प्रति फिर चेताया है। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए अभियान चल रहा है। इसके लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम करें। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। सीएम योगी ने कोरोना वायरस की रिकवरी दर को बेहतर बनाने के लिए इलाज की व्यवस्था को और मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर आयोजित बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। कोरोना की स्थिति की समीक्षा करते हुए उन्होंने त्यौहारों में पूरी सावधानी और सतर्कता बरतने के प्रति लोगों को जागरूक करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली पर्व पर सभी मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इमरजेंसी व्यवस्था को सक्रिय रखें। सभी जिलों को रोजगार का प्लान तैयार करने को कहा गया, जबकि अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त को रोजगार की व्यापक संभावनाओं की दृष्टि से साप्ताहिक समीक्षा करने के भी निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने प्राथमिक विद्यालयों में सर्दी से पहले ही स्वेटर वितरण कराने पर जोर दिया।

योगी मंत्रिपरिषद एक नजर में
कुल मंत्री – 54
कैबिनेट – 23
स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री – 9
राज्य मंत्री – 22

किसान व सर्वहित बीमा योजना दावा मियाद तीन साल घोषित

यह कानून बीमा कंपनी सहित सभी पर लागू

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री किसान व सर्वहित बीमा योजना में दावा दाखिल करने की अधिकतम तीन माह की मियाद को मनमानापूर्ण व कानून के विपरीत करार देते हुए रद कर दिया है। कोर्ट ने बीमा कंपनी को आदेश दिया है कि प्रदेश मे जितने भी दावे तीन साल के भीतर दाखिल किये गए हैं उन्हें समय से दाखिल मानकर गुणदोष पर तय करें। दावा करने की तीन साल की मियाद किसान की मौत या दावा आंशिक या पूर्णरूप से निरस्त होने की तारीख से मानी जाएगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता व न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की खंडपीठ ने गौतम यादव की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि बीमा कंपनी की ओर से दावा निरस्त करने के खिलाफ सिविल वाद दायर करने की मियाद तीन साल है। ऐसे में कल्याणकारी राज्य की सामाजिक लाभ देने की योजना के लिए दावा करने की अवधि को सीमित करना उसको विफल करना है। कोर्ट ने कहा कि गरीब किसानों को लाभ देने की कल्याणकारी राज्य की योजना है। सरकार व बीमा कंपनी के बीच करार होता है। सरकार प्रीमियम देती है। भारतीय समाज में मृत्यु संस्कार में समय लगता है। ऐसे में तीन माह की अवधि योजना को विफल करने वाली और कानून के विपरीत है। बीमा कंपनी के दावा निरस्त करने के खिलाफ सिविल वाद दायर करने की मियाद तीन साल है। यह कानून बीमा कंपनी सहित सभी पर लागू है। सरकारी नीति भी कानून के विपरीत नहीं बनायी जा सकती। ऐसे में तीन साल की अवधि के भीतर दाखिल सभी दावों पर विचार किया जाए।

मुख्य सचिव को भेजें आदेश की प्रति
कोर्ट ने मुख्य सचिव को आदेश की प्रति इस आशय से भेजने का निर्देश दिया है कि सरकार योजना मियाद में संशोधन कर सकें। कोर्ट ने जिलाधिकारी जौनपुर को याची के बीमा दावे को समय के भीतर मानते हुए तीन माह में उचित निर्णय लेने का निर्देश दिया है। याची के किसान पिता की तीन जुलाई 2018 को दुर्घटना में मृत्यु हो गयी थी। याची ने योजना के तहत 20 अक्टूबर 2018 को बीमा पैसा के लिए दावा किया। उसे जिलाधिकारी जौनपुर ने कालबाधित करार देते हुए निरस्त कर दिया। उसे कोर्ट में चुनौती दी गई। बीमा कंपनी का कहना था कि दावा करने की मियाद दो माह है। जिलाधिकारी को एक माह की अवधि बढ़ाने का अधिकार है, इसलिए दावा स्वीकार नहीं किया जा सकता।

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