गैर-जिम्मेदार देश तोड़मरोड़ रहे संयुक्त राष्ट्र का समुद्री कानून : राजनाथ सिंह

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन पर साधा निशाना
  • सैन्य शक्ति को मजबूती देने के लिए कर रहे काम

नई दिल्ली। चीन पर निशाना साधते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ गैर-जिम्मेदार देश अपने संकीर्ण पक्षपातपूर्ण हितों और आधिपत्य वाली प्रवृत्ति के लिए समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र कंवेंशन (यूएनसीएलओएस) की अनुचित व्याख्या कर रहे हैं या उन्हें तोड़मरोड़ रहे हैं। इससे नियम आधारित समुद्री व्यवस्था की राह में बाधाएं पैदा होती हैं। विध्वंसक युद्धपोत विशाखापत्तनम को भारतीय नौसेना में शामिल करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, यह चिंता का विषय है कि कुछ देशों द्वारा यूएनसीएलओएस को उसकी परिभाषा की मनमानी व्याख्या करके लगातार कमजोर किया जा रहा है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि हिंद-प्रशांत पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है और इस क्षेत्र से विश्व के दो-तिहाई आयल शिपमेंट, एक तिहाई बल्क कार्गों और आधे से ज्यादा कंटेनर ट्रैफिक गुजरता है। क्षेत्र का अहम देश होने के नाते इसकी सुरक्षा में भारतीय नौसेना की भूमिका और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है व हिंद-प्रशांत को खुला और सुरक्षित रखना भारतीय नौसेना का प्राथमिक उद्देश्य बन जाता है।

राजनाथ ने कहा कि दुनियाभर के देश वैश्विक सुरक्षा कारणों, सीमा विवादों और समुद्री प्रभुत्व बनाए रखने की अहमियत के चलते अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत और आधुनिक बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसलिए सैन्य उपकरणों की मांग में बढ़ोतरी हो रही है। रिपोर्ट बताती हैं कि दुनियाभर में सुरक्षा की लागत 2.1 लाख करोड़ अमेरिकी डालर पहुंचने की संभावना है और पांच-दस साल में इसके कई गुना बढ़ने की संभावना है।

खुली समुद्री व्यवस्था का समर्थक है भारत

रक्षा मंत्री ने कहा कि एक जिम्मेदार समुद्री पक्ष होने के नाते भारत सहमति पर आधारित सिद्धांतों और एक शांतिपूर्ण, खुली, नियम आधारित व स्थिर समुद्री व्यवस्था का समर्थन करता है। भारत नियम आधारित ऐसे हिंद-प्रशांत का पक्षधर है जिसमें नौवहन की आजादी, मुक्त व्यापार और सार्वभौमिक मूल्य हों और जिसमें सभी भागीदार देशों के हित सुरक्षित हों। वैश्वीकरण के इस वर्तमान दौर में दुनिया में स्थायित्व, आर्थिक प्रगति और विकास सुनिश्चित करने के लिए राजनाथ ने समुद्री मार्गों पर नौवहन की नियम आधारित स्वतंत्रता और सुरक्षा की महत्ता का उल्लेख भी किया।

हिंद महासागर से जुड़े हैं भारत के हित

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत के हित सीधे तौर पर हिंद महासागर से जुड़े हैं और यह क्षेत्र विश्व अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। राजनाथ सिंह ने कहा, समुद्री क्षेत्र को प्रभावित करने के लिए डकैती, आतंकवाद, हथियारों व नशीले पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी, गैरकानूनी तरीके से मछली पकड़ना और पर्यावरण को नुकसान की चुनौतियां समान रूप से जिम्मेदार हैं। इसलिए पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारतीय नौसेना की भूमिका काफी अहम हो जाती है।

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