असंगठित श्रमिकों को जल्द मिलेगी कैशलेस इलाज की सुविधा

लखनऊ। कोरोना काल के कठिन समय में करोड़ों मजदूरों तथा कामगारों के साथ खड़ी प्रदेश की योगी सरकार अब उनको एक और बड़ी सुविधा देने जा रही है। सरकार प्रदेश में असंगठित क्षेत्र के करोड़ों पंजीकृत मजदूरों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पांच लाख रुपये की कैशलेस इलाज की सुविधा मुहैया कराएगी। श्रम विभाग ने इसे अपनी 100 दिन की कार्ययोजना में शामिल किया है। आयुष्मान योजना से छूटे असंगठित क्षेत्र के उन मजदूरों को जो उत्तर प्रदेश राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड में पंजीकृत हैं, पांच लाख रुपये तक के कैशलेस इलाज की सुविधा मुहैया कराने के लिए पिछली योगी आदित्यनाथ सरकार ने मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना शुरू करने का फैसला किया था। इस बारे में बीते वर्ष 20 अक्टूबर को श्रम विभाग की ओर से शासनादेश जारी किया गया था। उत्तर प्रदेश राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के पोर्टल पर 79 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं।

उत्तर प्रदेश सामाजिक सुरक्षा बोर्ड पंजीकृत श्रमिकों को कैशलेस इलाज की सुविधा स्टेट एजेंसी कांप्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (सांचीज) के माध्यम से मुहैया कराएगा। इसके लिए सांचीज के साथ अनुबंध हो चुका है। बोर्ड सांचीज को प्रीमियम के तौर पर प्रति श्रमिक 1102 रुपये की दर से प्रीमियम का भुगतान करेगा। इसके अलावा केंद्र सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) श्रमिकों की मजदूरी की राज्यवार दरें निर्धारित कर दी हैं। उत्तर प्रदेश में मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी में चालू वित्तीय वर्ष में नौ रुपये की वृद्धि की गई है। मनरेगा के तहत काम करने वाले श्रमिकों को अब 213 रुपये मजदूरी मिलेगी। उन्हें अभी तक 204 रुपये मिलते थे। उत्तर प्रदेश में मनरेगा के 1.36 करोड़ जाबकार्ड धारक हैं। प्रदेश में मनरेगा मजदूरों की मजदूरी में इस वर्ष के लिए नौ रुपये की बढ़ोतरी की गई है। अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार ने बताया कि इस समय करीब ढाई से तीन लाख मजदूर प्रतिदिन काम कर रहे हैं। कुछ दिनों बाद नये वित्तीय वर्ष के बजट से ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के काम जैसे-जैसे बढ़ेंगे, काम करने वाले मजदूरों की संख्या लगातार बढ़ती जाएगी।

तीन साल के लिए अयोग्य घोषित हो सकते हैं 81 प्रत्याशी

लखनऊ। आगरा जिले की नौ विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने वाले 107 प्रत्याशियों के चुनाव खर्च का अंतिम खर्च का ब्यौरा कलेक्ट्रेट में जमा होना शुरू हो गया। पहले दिन 81 प्रत्याशियों ने खर्च का ब्यौरा नहीं दिया। 107 प्रत्याशियों में 26 ने खर्च रजिस्टर जमा किया है। आज ब्यौरा जमा करने का अंतिम मौका है। नहीं करने पर चुनाव आयोग प्रत्याशी को तीन साल के लिए निर्वाचन से अयोग्य घोषित कर सकता है। कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में सोमवार दोपहर 12 बजे प्रत्याशी व उनके प्रतिनिधि खर्च रजिस्टर लेकर पहुंचे। मुख्य कोषाधिकारी एवं निर्वाचन लेखा प्रभारी बृज बिहारी के समक्ष चुनाव खर्च रजिस्टर जमा कराए। जिन प्रत्याशियों के रजिस्टर अधूरे थे, उन्हें खर्च का विवरण, प्रारूप के बारे में बताया गया। निर्वाचन खर्च का विवरण भरने का तरीका समझाया। मुख्य कोषाधिकारी ने बताया कि प्रत्याशी के लिए अधिकतम चुनाव खर्च की सीमा 40 लाख रुपये थी। इससे अधिक खर्च करने पर प्रत्याशी अयोग्य होगा। पहले दिन 26 प्रत्याशियों ने ब्यौरा जमा किया है। इनमें दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुनावजीत कर कैबिनेट मंत्री बने योगेंद्र उपाध्याय शामिल हैं। मंगलवार को अंतिम दिन है। इसके बाद प्रस्तुत खर्च का ब्यौरा जिलाधिकारी के माध्यम से आयोग को भेजा जाएगा।

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