सांसदों के निलंबन पर संसद गर्म विपक्ष ने किया वॉक आउट

संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन, सभापति ने फैसला वापस लेने से किया इंकार

  • कांग्रेस समेत कई दलों के सांसदों के खिलाफ की गई है निलंबन की कार्रवाई

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क


नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष के 12 सदस्यों के निलंबन का मुद्दा आज दोनों सदनों में गरमाया। राज्य सभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने सांसदों के निलंबन का मुद्दा उठाया और इसे नियमों के खिलाफ बताते हुए वापस लेने का अनुरोध किया। राज्य सभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद विपक्षी दलों ने दोनों सदनों से वॉक आउट कर दिया और संसद परिसर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन राज्य सभा की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खडगे ने नियमों का हवाला देकर कहा कि सांसदों के निलंबन का कोई आधार नहीं है इसलिए उनके निलंबन का फैसला वापस लिया जाना चाहिए। खडगे ने सभी 12 विपक्षी सांसदों को सदन की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति सभापति से मांगी। फिर सभापति ने विपक्ष से कहा कि निलंबन की कार्रवाई उनकी नहीं बल्कि सदन की थी और संसदीय नियम की धारा 256 की उपधारा 2 का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि 256(2) कहता है कि सदन में किसी सदस्य या कई सदस्यों के अमर्यादित आचरण पर सभापति ऐसे सदस्य या सदस्यों का नाम लेकर सदन के सामने प्रश्न रखे कि क्या इन सदस्यों पर कार्रवाई का प्रस्ताव लाया जा सकता है।

राज्य सभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने 12 सांसदों के निलंबन को रद्द करने के अनुरोध को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य के सभापति को कार्रवाई करने का अधिकार है और सदन भी कार्रवाई कर सकता है। नायडू ने कहा कि पिछले मानसून सत्र का कड़वा अनुभव आज भी हममें से अधिकांश लोगों को परेशान करता है। वहीं 12 सांसदों के निलंबन को लेकर विपक्षी नेताओं ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर प्रदर्शन किया। विपक्षी सांसदों ने लोक सभा और राज्य सभा से वॉक आउट किया।

पूरे सत्र का बहिष्कार कर सकता है विपक्ष

इस मुद्दे पर आगे की रणनीति तय करने के लिए विपक्ष की बैठक हुई। इसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी भी शामिल हुई। सूत्रों के मुताबिक अगर सरकार सांसदों का निलंबन वापस नहीं लेती है तो विपक्ष पूरे सत्र का बहिष्कार कर सकता है।

ये 12 सांसद किए गए हैं निलंबित

संसद सत्र के पहले ही दिन राज्य सभा के 12 सदस्य पूरे सत्र से निलंबित कर दिए गए थे। इनमें फुलो देवी नेताम, छाया वर्मा, आर बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन और अखिलेश प्रताप सिंह (कांग्रेस), प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई (शिवसेना), शांता छेत्री और डोला सेन (टीएमसी), एलमरम करीम (सीपीएम) और विनय विश्वम (सीपीआई) शामिल हैं।

सांसद अपने अमर्यादित व्यवहार पर पश्चाताप करने के बजाय इसे उचित ठहरा रहे हैं, इसलिए मुझे नहीं लगता कि विपक्ष की मांग पर विचार किया जाना चाहिए। सांसदों का निलंबन वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं उठता है।
वेंकैया नायडू, सभापति, राज्य सभा

कोरोना के नए वेरिएंट का खतरा बढ़ा प्रभावित देशों से पहुंचे हजारों यात्री

फ्लाइट लेने से पहले 14 दिन की यात्रा की देनी होगी जानकारी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क


नई दिल्ली। साउथ अफ्रीका में पाए गए कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने दुनिया के होश उड़ा दिए हैं। भारत पर भी इसका खतरा मंडरा रहा है। इस वेरिएंट को डेल्टा वेरिएंट से कहीं ज्यादा म्यूटेशन और तेजी से फैलने वाला करार दिया गया है। वहीं देश में हजारों यात्री प्रभावित देशों से पहुंचे हैं। लिहाजा केंद्र ने भारत आने वाले विदेशी यात्रियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। अब एयर सुविधा पोर्टल पर मौजूद सेल्फ डेक्लेरेशन फॉर्म में सभी विदेशी यात्रियों को फ्लाइट बोर्ड करने से पहले अपनी 14 दिन की यात्रा की जानकारी बतानी होगी। देश के हर एयरपोर्ट पर आरटीपीसीआर टेस्ट होगा। वहीं मुंबई में एक हजार से अधिक और कर्नाटक समेत कई राज्यों में हजारों यात्री प्रभावित देशों से पहुंचे हैं।

डब्ल्यूएचओ ने दी चेतावनी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आगाह करते हुए कहा कि तेजी से रूप बदल रहा ओमिक्रॉन पूरी दुनिया में फैल सकता है। इससे संक्रमण बढऩे का खतरा है जिसके चलते कुछ क्षेत्रों में गंभीर नतीजे हो सकते हैं।
केजरीवाल ने केंद्र से पूछा, उड़ानों पर प्रतिबंध में देरी क्यों

केजरीवाल ने केंद्र से पूछा, उड़ानों पर प्रतिबंध में देरी क्यों

नई दिल्ली। कोरोना के नये वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने में देरी पर सवाल उठाया है। केजरीवाल ने कहा कि कई देशों ने ओमिक्रॉन प्रभावित देशों से उड़ानें रोक दीं हैं। हम इसमें देरी क्यों कर रहे हैं? उड़ानें तुरंत रोकें।

एमएसपी की गारंटी के बिना खत्म नहीं होगा आंदोलन: टिकैत

किसान संगठनों में फूट नहीं, सरकार आंदोलन खत्म करने की कर रही कोशिश

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क


नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही कृषि कानूनों को वापस ले लिया। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या अब किसान अंदोलन खत्म हो जाएगा लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि एमएसपी की गांरटी के बिना आंदोलन खत्म नहीं होगा। राकेश टिकैत ने कहा, जो चुनाव लडऩे के लिए ज्यादा उत्सुक हैं, वह जल्दी जाएगा।

वही जेल भी जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार 4-5 तारीख तक आंदोलन खत्म कराने की कोशिश करेगी लेकिन किसान संगठनों में कोई फूट नहीं है न कोई यहां से जाने को तैयार है। जब तक एमएसपी पर गारंटी नहीं मिलती, कोई यहां से जाने को तैयार नहीं है। राकेश टिकैत ने कहा, मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button