नवाबों के शहर लखनऊ में दम तोड़ रहा स्वच्छता अभियान हका अंबार

4PM News Network
लखनऊ। नगर निगम के तमाम दावों के बावजूद नवाबों के शहर लखनऊ में स्वच्छता अभियान दम तोड़ रहा है। बाजार से लेकर गलियों तक में गंदगी का अंबार लगा है। साफ-सफाई के नाम पर घोर लापरवाही बरती जा रही है। बाजारों में रखे डस्टबिनों से भी कूड़े का नियमित उठान नहीं किया जा रहा है। इसके कारण बारिश के मौसम में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। यह स्थिति तब है जब सीएम योगी से लेकर नगर विकास मंत्री तक ने राजधानी को साफ-सुथरा रखने का आदेश जारी कर रखा है।
भारत सरकार ने वर्ष 2014 में देशभर में स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश में भी स्वच्छता अभियान चलाया गया था लेकिन प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इसका असर नहीं दिख रहा है। बाजारों और सडक़ों पर हर ओर गंदगी का अंबार लगा रहता है। यह स्थिति तब है जब नगर निगम के पास सफाईकर्मियों की फौज है। हकीकत यह है कि सफाईकर्मी भी शहर को साफ-सुथरा रखने में लापरवाही बरत रहे हैं। शहर में करीब छह हजार दो सौ सफाई कर्मचारी ठेकेदारी प्रथा पर काम कर रहे हैं। नगर निगम प्रतिदिन मानदेय के तौर पर दो सौ पचास रुपये प्रति कर्मचारी भुगतान कर रहा है, लेकिन आधे कर्मचारियों से ही काम चलाया जा रहा है और शहरवासियों को खुद खर्च कर सफाई करानी पड़ रही है। कई इलाकों में महीनों से सफाई नहीं हुई है। मानसून के मौसम में जमा कचरे से संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। यही नहीं सडक़ों पर लगे कूड़े के ढेर पर आवारा मवेशी घुमते रहते हैं। वहीं कूड़े के लिए सडक़ों पर रखे गए डस्टबिनों से भी कूड़े का उठान नियमित तौर पर नहीं किया जाता है। इससे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

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