भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक हरियाली तीज

रियाली तीज या श्रावणी तीज का पर्व हर साल श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। कुछ स्थानों पर इसे कजली तीज के नाम से भी मनाया जाता है। हर तीज-त्योहार का अपना महत्व होता है, मगर विवाहित महिलाएं सावन तीज व्रत को लेकर काफी उत्साहित रहती हैं। तीज व्रत के लिए सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, झूला झूलती हैं और गाती-नाचती हैं। तीज का त्योहार भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है।

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